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क्या सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जनजातियों को मिले अधिकारों को बोझ समझता है?

-द वायर, चेबरोलू लीला प्रसाद और अन्य बनाम आंध्र प्रदेश राज्य और अन्य वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का हालिया फैसला हमें एक बार फिर यह दिखाता है कि भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची, जिस पर आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व है, को कितना कम समझा गया है. राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के शिक्षकों को शत प्रतिशत आरक्षण देने के वर्ष 2000 के...

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बाधाएं बहुत, पर आगे बढ़े हैं लोग-- श्रीनाथ राघवन

जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए युग की शुरुआत हो चुकी है। वैसे जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह कोशिश इतनी नई भी नहीं है। इंदिरा गांधी भी कश्मीर में यथास्थिति बदलना चाहती थीं। इस राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने के निर्णय को सही ठहराते हुए मोदी सरकार ने नई व्यवस्था के तहत कश्मीर...

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किसानों की कर्जमाफी पर बोले राहुल गांधी-तीनों राज्यों में कर्ज जल्द माफ होगा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसानों का कर्ज जल्द माफ कर दिया जाएगा। दरअसल, कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों की कर्जमाफी का फैसला कर दिया जाएगा। तीनों राज्यों में कांग्रेस को जीत मिली है। गांधी ने संवाददाताओं से...

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विद्रोह की जमीन पर एक गांधीवादी- रामचंद्र गुहा

भारत के तीन ही राज्य हैं, जहां मेरा आज तक जाना नहीं हुआ। नगालैंड इनमें से एक है। अगली फरवरी में एक सामाजिक कार्यकर्ता नटवर ठक्कर के निमंत्रण पर वहां जाने का कार्यक्रम बना था, जिनके साथ पत्राचार तो काफी रहा, लेकिन मुलाकात कभी नहीं हुई। 1932 में पश्चिमी भारत में जन्मे नटवर भाई प्रख्यात गांधीवादी और देशभक्त काका साहब कालेलकर के संपर्क में आए और युवावस्था में ही अपना...

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लोक संसद की कल्पना-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

सफल लोकतंत्र के लिए समाज के हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा का होना जरूरी है. यदि व्यक्ति, परिवार, जाति समूहों और प्रकृति के साथ हमारा लोकतांत्रिक संबंध नहीं होगा, तो फिर राज्य और सरकार के स्तर पर भी इसका होना संभव नहीं है. बलात्कार, भीड़ द्वारा हत्या, धर्म के नाम पर हिंसा, घरेलू हिंसा आदि में यदि बढ़ोतरी हो रही हो, तो फिर हमें समझना चाहिए कि...

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