मोंगाबे हिंदी, 15 मई उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया है कि इस दौरान भारत के मॉनसून में भी बदलाव देखा गया। भारत के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) के वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म उत्तरी ध्रुव की स्थिति भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत ज़्यादा...
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और तेज करने करने होंगे पानी को बचाने के प्रयास
डाउन टू अर्थ , 28 अप्रैल भारत में लगभग 24 लाख जल स्रोत हैं। यह निष्कर्ष देश के पहले जल निकाय गणना (वाटर बॉडी सेंसस) में सामने आया है। इन जल स्रोतों में बारिश और भूजल-पुनर्भरण किए जाने वाले जल स्रोत दोनों ही शामिल हैं। केन्द्रीय जलशक्ति (जल संसाधन) मंत्रालय के द्वारा की गई इस गणना ने सभी जल स्रोतों की जियो-टैगिंग करते हुए छाया चित्रों और अक्षांश और देशांतर के आधार...
More »बंगाल-बिहार समेत कई राज्य लू की चपेट में तथा उत्तर के इन हिस्सों में ओलावृष्टि के आसार
डाउन टू अर्थ, 17 अप्रैल मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ मध्य स्तरों पर पछुआ हवाओं में बना हुआ है। वहीं उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब के निचले स्तरों में एक चक्रवाती प्रसार पर बना हुआ है। निचले स्तरों पर दक्षिण मध्य महाराष्ट्र से तमिलनाडु तक रुक-रुक कर हवाएं चल रही है। उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधियों को देखते हुए मौसम विभाग ने आज यानी 17 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख,...
More »बंजर होता भारत -एक: 30 प्रतिशत जमीन पर नहीं उग रहा अनाज का एक भी दाना
डाउन टू अर्थ, 12 अप्रैल हर साल मॉनसून के दौरान हेमंत वामन चौरे को एक विकट समस्या का सामना करना पड़ता है। एक तरफ वह चाहते हैं कि बारिश आए, ताकि उनकी फसलों को पानी मिल सके। लेकिन, दूसरी तरफ वह इससे डरे हुए भी रहते हैं क्योंकि बरसात की रिमझिम फुहार भर से उनके खेतों में लगी पौध बर्बाद हो सकती है। महाराष्ट्र के धुले जिले में स्थित सकरी ब्लॉक...
More »‘न बारिश का भरोसा है, न सरकार से कोई उम्मीद’
पारी हिंदी, 11 अप्रैल एक रात में ही ताईबाई घुले को क़रीब एक लाख रुपए का नुक़सान झेलना पड़ा था, ऐसा वह अनुमान लगाती हैं. उस रोज़ जब अचानक भारी बारिश शुरू हो गई थी, तब 42 वर्षीय ताईबाई अपने गांव से 9 किलोमीटर दूर भालवनी में थीं. भेड़ और बकरियां चराने वाली ताईबाई बताती हैं, “शाम 5 बजे बरसात शुरू हुई थी और आधी रात के बाद तेज़ हो गई.” ताज़ा-ताज़ा...
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