गाँव कनेक्शन, 3 जुलाई बिहार में मानसून आ चुका है और घनश्याम यादव अपने घर वापस जाने की तैयारी में हैं। 70 साल के किसान को अपना घर छोड़े हुए दो महीने से ज़्यादा हो गया है। अप्रैल की शुरुआत में, जब भीषण गर्मी पड़ रही थी, वह 32 भैंस और बारह अन्य चरवाहों के साथ मवेशियों के लिए चारे की तलाश में पंद्रह दिनों तक पैदल चल कर यहाँ तक...
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क्यों सूखे रहते हैं सिक्किम में पानी के पाइप
द थर्ड पोल, 20 अप्रैल सुंबुक की रहने वाली बिद्या को पानी लाने के लिए रोज़ाना अपने घर से तीन किलोमीटर दूर थुलो धारा या बड़े झरने तक जाना पड़ता है। पानी लाने में उनके तीन से चार घंटे खर्च हो जाते हैं। बिद्या के पड़ोस में एक नया घर बन रहा है, उस घर को देखते हुए वह बताती हैं कि पानी लाने का काम केवल महिलाएं करती हैं। पानी की...
More »“जब मैं कोई बीज संरक्षित करता हूं, तो यह एक मरती हुई संस्कृति को बचाता है”
इंडियास्पेंड, 27 मार्च लगभग तीन दशकों से पारिस्थितिकीविद् और कृषि-संरक्षक देबल देब देशी चावल की किस्मों व बीजों का संरक्षण और उसे साझा कर रहे हैं। कई किस्में, जिन्हें उन्होंने वर्षों से बचाया है, वे गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं। वे केवल कुछ ही जगहों पर उगाई जाती हैं। देब ने बताया, "मैंने ओडिशा के कोरापुट जिले में ऐसे 35 और नागालैंड में लगभग 15 देशी और लुप्तप्राय किस्म के बीजों को...
More »मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022
भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...
More »मनरेगा: भारतीय महिलाओं के लिए अंतिम और एकमात्र आय का सहारा
इंडियास्पेंड, 22 नवम्बर चंचल कुमारी का जन्म साल 2002 में हुआ। उस साल राजस्थान सूखाग्रस्त भी था। दो साल से राज्य में पीने या फसल बोने के लिए पानी की भारी कमी थी, मवेशी मर रहे थे। चंचल का परिवार भी भुखमरी के कगार पर था। उनके पिता राजू सिंह एक मजदूर थे। उन्हें काम की तलाश में अपना गांव छोड़ना पड़ा। जैसे-जैसे आजीविका चौपट हुई, रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए...
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