डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर जहां आज हम भारत में बाल दिवस का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दुनिया भर में बच्चे अनेकों समस्याओं का सामना रहे हैं। यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट 'दि क्लाइमेट चेंज्ड चाइल्ड' के अनुसार, तीन में से एक बच्चा या दुनिया भर में 73.9 करोड़ लोग पानी की भारी कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति के और भी भयावह होने का...
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सदी के अंत तक भारत में 10 गुणा तक बढ़ सकता है लू का कहर, सामने आएंगें नए हॉटस्पॉट्स
डाउन टू अर्थ, 30 अक्टूबर बढ़ते तापमान और जलवायु में आते बदलावों के चलते भारत के कई हिस्सों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब हो सकती है। डीएसटी के महामना सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन क्लाइमेट चेंज रिसर्च के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सदी के अंत तक भारत में लू का खतरा 10 गुणा तक बढ़ जाएगा। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में भारत के दक्षिणी...
More »बांध सुरक्षा और पूर्व चेतावनी प्रणाली की अनदेखी ने बनाया सिक्किम की बाढ़ को घातक
मोंगाबे हिंदी,10 अक्टूबर साल 2011 में सिक्किम में आए 6.9 तीव्रता के भूकंप की याद में हर साल 18 सितंबर को राज्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल भी तीस्ता नदी में आने वाली बाढ़ को लेकर तैयारियों पर ध्यान दिया गया। लेकिन कुछ हफ़्तों के बाद ऐसा हुआ जिसका राज्य और बांध अधिकारियों को आपदा के पैमाने का अनुमान नहीं तक था। यह...
More »मॉनसून 2023: लगातार 13वें साल देरी से हो रही है वापसी, अक्टूबर तक हो सकती है बारिश
डाउन टू अर्थ, 25 सितम्बर अमूमन देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की हवाएं 17 सितंबर तक उत्तर-पश्चिमी भारत से वापस जाना शुरू कर देती हैं, लेकिन चालू सीजन में अभी वापसी की कोई संभावना नहीं दिख रही है और बारिश अक्टूबर तक बढ़ सकती है। यह लगातार 13वां ऐसा साल है, जब मॉनसून की वापसी देरी से हो रही है। हालांकि 21 सितंबर को मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने संकेत दिया कि मॉनसून...
More »जहरीली हवा के बीच काम करने को मजबूर होम डिलीवरी के बाइक चालक: स्टडी
मोंगाबे हिंदी, 11 सितम्बर अट्ठाइस साल के रोहित विश्वास की कोविड-19 महामारी के दौरान मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव की नौकरी चली गई। इसके बाद उन्होंने 2021 में एक किराना डिलीवरी ऐप के लिए डिलीवरी करने का काम शुरू किया। वह हर दिन आठ से दस घंटे सड़क पर बिताते थे। हालांकि अब वह बाइक टैक्सी ऐप के लिए काम करते हैं, लेकिन उनका काम अभी भी मुश्किल है। वे हर दिन ट्रैफिक जाम...
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