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देश में कुपोषण की कड़िया--- श्रीशचंद्र मिश्र

ओड़िशा के जाजपुर जिले के एक छोटे-से आदिवासी बहुल गांव में इस साल मार्च से जून के बीच कुपोषण से बारह बच्चों की मौत हो गई। पौने तीन सौ की आबादी वाले इस गांव में पांच से बारह साल के तिरासी बच्चों में एक तिहाई से ज्यादा का कुपोषित होना एक बड़े खतरे की तरफ संकेत करता है। यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है। असल स्थिति क्या है, इसका...

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जहां हम सब असहाय हैं-- रंजना कुमारी

हमारे देश में जिस तरह का कानून है, उसमें निर्भया के गुनहगार को बाहर आना ही था। ‘जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट' के तहत अपराधी को तीन साल ही बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है। मगर यहां इस बात पर जरूर गौर किया जाना चाहिए कि पिछले तीन वर्षों में इस अपराधी की मानसिकता में सुधार क्यों नहीं हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह साफ-साफ पूछा कि...

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पंचायतों में सुधार का आधार-- गौरव कुमार

गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान को अनिवार्य करने संबंधी कानून के बाद अब राजस्थान सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए एक नया कदम उठाया है। राजस्थान सरकार ने पिछले दिनों एक अध्यादेश जारी कर पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी। इसके अनुसार सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास और अधिसूचित क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए पांचवीं पास होना जरूरी...

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अब बेहिसाब कृषि भूमि नहीं खरीद सकेंगे निवेशक

भोपाल। प्रदेश में उद्योग और रियल इस्टेट में निवेश करने वाले अब बेहिसाब कृषि भूमि नहीं खरीद सकेंगे। यदि वे इस तरह से निवेश करते हैं तो उन पर सीलिंग एक्ट के कानून के तहत कार्रवाई होगी। इसकी वजह है 27 अप्रैल 2015 को लाया गया वह अध्यादेश जो कानून का रूप नहीं ले सका। इसे बीते मानसून सत्र में पेश करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, जिसके चलते...

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जमीन का भी राष्ट्रीयकरण हो- शिवदान सिंह

जमीन अधिग्रहण विधेयक जैसे अहम मसले पर मोदी सरकार की दुविधा साफ देखी जा सकती है। गुलामी के प्रतीक 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून की जगह यूपीए सरकार ने जो नया कानून बनाया था, उसे भाजपा का भी समर्थन मिला था। लेकिन सत्ता में आने के बाद वह इसे बदलना चाहती है। पर सवाल है कि क्या विकास को गति देने की राह में भूमि अधिग्रहण कानून सबसे बड़ा रोड़ा...

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