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बिरसा मुंडा : जिनके उलगुलान और बलिदान ने उन्हें 'भगवान' बना दिया

-सत्याग्रह, महान उपन्यासकार महाश्वेता देवी के उपन्यास ‘जंगल के दावेदार’ का एक अंश : सवेरे आठ बजे बिरसा मुंडा खून की उलटी कर, अचेत हो गया. बिरसा मुंडा- सुगना मुंडा का बेटा; उम्र पच्चीस वर्ष-विचाराधीन बंदी. तीसरी फ़रवरी को बिरसा पकड़ा गया था, किन्तु उस मास के अंतिम सप्ताह तक बिरसा और अन्य मुंडाओं के विरुद्ध केस तैयार नहीं हुआ था....क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की बहुत सी धाराओं में मुंडा पकड़ा गया था,...

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फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ

-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...

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बदलती विश्व व्यवस्था पर पुतिन का आलेख

-न्यूजलॉन्ड्री, द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ीवाद के विरुद्ध निर्णायक जीत की 75वीं वर्षगाँठ पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उस महायुद्ध, उसके बाद की दुनिया और वर्तमान वैश्विक स्थिति पर एक विस्तृत लेख लिखा है. उन्होंने बताया है कि क्यों हर साल 9 मई का दिन रूस के लिए सबसे बड़ा दिन होता है और उस विश्व युद्ध से आज हम क्या सीख सकते हैं. पश्चिमी देशों में इस लेख के...

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झारखंड: बीफ़ खाने के अधिकार पर कथित पोस्ट लिखने वाले आदिवासी प्रोफेसर गिरफ़्तार

बता दें कि हांसदा एक आदिवासी कार्यकर्ता और थियेटर कलाकार हैं. अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों द्वारा गोमांस खाने के अधिकार की बात की थी. हफिंगटन पोस्ट के अनुसार, जीतराई हांसदा के मामले को देखने वाली टीम के एक वकील ने बताया कि उनके द्वारा लिखे गए एक फेसबुक पोस्ट के लिए जून 2017 में उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी. अपना नाम गुप्त रखने की...

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तमिलनाडु में महात्मा की चमक-- रामचंद्र गुहा

महात्मा गांधी आधुनिक युग के ऐसे इंसान हैं, जो किसी भी अन्य भारतीय की अपेक्षा अपने होने को सार्थक करते हैं। एक ऐसे हिंदू, जिन्होंने मुसलमानों के समान अधिकारों के लिए अपना करियर तो समर्पित किया ही, जीवन भी बलिदान कर दिया। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई कर रहे अंग्रेज जज ने पेशा पूछा, तो उनका जवाब था- ‘किसान और बुनकर'। जीवन यापन के दो ऐसे तरीके, जो...

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