बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है। पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...
More »SEARCH RESULT
बंजर होता भारत -एक: 30 प्रतिशत जमीन पर नहीं उग रहा अनाज का एक भी दाना
डाउन टू अर्थ, 12 अप्रैल हर साल मॉनसून के दौरान हेमंत वामन चौरे को एक विकट समस्या का सामना करना पड़ता है। एक तरफ वह चाहते हैं कि बारिश आए, ताकि उनकी फसलों को पानी मिल सके। लेकिन, दूसरी तरफ वह इससे डरे हुए भी रहते हैं क्योंकि बरसात की रिमझिम फुहार भर से उनके खेतों में लगी पौध बर्बाद हो सकती है। महाराष्ट्र के धुले जिले में स्थित सकरी ब्लॉक...
More »बाजरा लेगा गेहूं की जगह! कैसे बाजरे को खाने में बहुपयोगी और ‘लक्जरी’ बना रहा है ICAR
दिप्रिंट , 20 मार्च साल 2016 में अपनी सास द्वारा बनाए गए इडियप्पम, या राइस स्ट्रिंग हॉपर, वाले खाने का लुफ्त उठाती विनुथा टी. को यह देखकर काफ़ी हैरानी हुई कि इस डिश में चावल के आटे का स्वाद काफी नया था. आईसीएआर-इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) में बायोकेमिस्ट विनुथा ने कहा, ‘उन्होंने मुझे बताया कि असल में तो वह आटा आठ से नौ महीने पुराना था लेकिन मुझे तो यह एकदम...
More »हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, अब पराली न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की तैयारी
दैनिक जागरण, 12 अक्टूबर हरियाणा में पराली (धान के फसल अवशेष) के निस्तारण के लिए प्रदेश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए अब पराली को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने की तैयारी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में अभी 14 फसलोंं की एमएसपी पर हो रही है खरीद हरियाणा में वर्तमान...
More »रागी, कोदो जैसे मोटे अनाज की खेती को बचाने की पहल, जिससे किसानों को मिले उनकी उपज का सही दाम
गाँव कनेक्शन, 7 सितम्बर रागी, बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती के बाद प्रोसेसिंग के पुराने और परंपरागत तरीकों से न ही सही से अनाज निकल पाता है और न ही बाजार में उसका सही दाम मिल पाता है। ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र, उन किसानों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए मददगार साबित हुआ है जो मोटे अनाज की खेती करते हैं। भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के निदेशक...
More »