भारत में लोगों को आपदा से बचाना या तत्काल राहत पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? पिछले पांच दशक से सरकार भी इस यक्ष प्रश्न से जूझ रही है। दरअसल, आपदा प्रबंधन तंत्र की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों को कुदरती कहर से बचाने की जिम्मेदारी कई महकमों पर है। जब लोग बाढ़ में डूब रहे होते हैं, भूकंप के मलबे में दब कर छटपटाते हैं या फिर ताकतवर तूफान...
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असम में बाढ़ का कहरः 18 लाख से ज्यादा प्रभावित, किसान कर रहे हैं खुदकुशी
गुवाहाटी. असम में बाढ़ से हालात और भी बदतर हो गए हैं। बाढ़ के कारण 21 जिलों में 17.68 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। रविवार को एक और किसान ने खुदकुशी कर ली। बाढ़ के कारण सुसाइड करने वाले किसानों की तादाद 30 हो गई है। बारिश और बाढ़ के कारण अब तक 45 लोगों की मौत हुई है। असम में 22 अगस्त से बाढ़ का कहर जारी...
More »सुरक्षा बलों में दो फीसद महिलाएं होती हैं भर्ती, 40 फीसद करती हैं आत्महत्या
नई दिल्ली। सुरक्षा बलों में महिलाओं की संख्या महज 2 फीसद है, लेकिन बल में उनकी आत्महत्या करने की दर 40 फीसद से अधिक है। यह जानकारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) और ब्यूरो ऑफ पुलिस एंड रिसर्च डेवलपमेंट (बीपीआरडी) की ओर से जमा किए आंकड़ों से मिली है। हाल ही में एक्सीडेंटल मौतों और आत्महत्याओं का डाटा एनसीआरबी ने जारी किया है। इससे पता चलता है कि 2014 में सशस्त्र...
More »और अनिष्ट की आशंका- रतनदीप चौधरी
आठ साल की साजिदा इतनी डरी हुई है कि हम उससे बात करें, उससे पहले ही वह दौड़कर एक टेंट में छिप जाती है. यह टेंट उस राहत शिविर का हिस्सा है जो असम के बक्सा जिले में बेकी नदी के किनारे एक जगह पर लगाया गया है. साजिदा यहां अपने अब्बा और एक बहन के साथ रह रही है. उसकी मां और एक छोटी बहन दो मई को इलाके...
More »जमीन संकट से उद्यमी पस्त मुकाम को तरस रहे उद्योग
सूबे में जमीन की समस्या से नए उद्यमी पस्त हैं। खासकर छोटे एवं नए उद्योगों को मुकाम हासिल करने के लिए मशक्कत करना पर रहा है। बड़े निवेशक से लेकर छोटे उद्यमी तक उद्योग विभाग, निदेशालय और क्षेत्रीय प्राधिकार कार्यालय में जमीन के लिए वर्षो से अर्जी लगाकर चक्कर काटने को मजबूर हैं। रांची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (रियाडा) में दो दजर्न से ज्यादा उद्यमियों का जमीन के लिए आवेदन एक...
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