नवभारत टाइम्स, 28 अक्टूबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने जैव प्रौद्योगिकी नियामक जीईएसी की आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों के पर्यावरणीय परीक्षण के लिए जारी करने की सिफारिश का विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि नियामक ने भारत में किए गए किसी भी अध्ययन पर भरोसा किए बगैर यह निर्णय किस तरह ले लिया। बीकेएस ने एक बयान में कहा कि पर्यावरण मंत्री को...
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कीड़े लगने से सूखने लगी हाइब्रिड धान की बालियां:दाने नहीं लगे, लगातार दो दिन से बारिश हुई किसानों की फिक्र बढ़ी
दैनिक भास्कर, 8 अक्टूबर वनांचल क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हाइब्रिड धान में कीट का प्रकोप बड़ी मात्रा में दिखाई दे रहा है। वहीं हल्के किस्म के धान में इन कीटों का प्रकोप कम है। ज्यादातर किसान अधिक फसल उत्पादन करने के लिए हाइब्रिड धान लगाए गए हैं। धान के पौधों की जड़ों में कीटों का प्रकोप बढ़ने से बालियां...
More »दास्तां जन औषधि केंद्र की; शुरुआत, चुनौतियां और भविष्य!
जन स्वास्थ्य' का विषय राज्य सूची के अंतर्गत आता है. लेकिन भारत में लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा है. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा भी जन स्वास्थ्य को वरीयता दी जाती है. नतीजन सन् 2008 में "जन औषधि केंद्र" को शुरू किया जाता है. जहां सस्ते दामों पर सामान्य दवाइयां मिल सकें. 7 मार्च, 2022 को जन औषधि दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम होता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
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