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भारत की न्यायपालिका के लिए 2019 क्यों एक भुला देने वाला साल है

यदि भारत की कोई संवैधानिक संस्था 2019 की ओर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहेगी, तो वो है न्यायपालिका. वैसे तो भारतीय न्यायपालिका का प्रदर्शन हाल के वर्षों में खराब ही रहा है, फिर भी 2019 ने इसके अपयश में कई नए पन्ने जोड़े हैं. न्यायपालिका संवैधानिक नैतिकता और वैधता के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार के उपेक्षा भाव का खामियाजा झेल रहे लोगों के पक्ष में खड़े होने में विफल रही है. और...

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झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों के बाद महाबली नहीं रही मोदी सरकार

झारखंड में लोकसभा की सिर्फ 14 सीटें हैं. इस लिहाज से राष्ट्रीय राजनीति के लिए इस राज्य का महत्व सीमित माना जा सकता है. लेकिन इस राज्य के विधानसभा चुनाव को लेकर जिस तरह की जबर्दस्त दिलचस्पी नजर आई, वह महत्वपूर्ण है. इस राज्य के चुनाव नतीजों के राष्ट्रीय राजनीति के लिए गंभीर मायने हैं. दरअसल, राष्ट्रीय सरकार को लेकर, बीजेपी और नरेंद्र मोदी की जो कल्पना है, उसका नकार पिछले...

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चिंता मतदाता के अधिकार की- कमलेश जैन

भारतीय गणतंत्र की विशाल जनसंख्या को, चुनावों के दौरान एक स्वच्छ, जनता की मर्जी से चुनी हुई सरकार बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने वर्षों से ऐसे फैसले दिए हैं, जो लगातार चुनाव प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना रहे हैं। इसी शृंखला में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना ने निर्देश दिया है कि अब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की ईमानदारी की जांच एक नहीं, बल्कि...

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राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते चुनाव सुधार लंबित: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

नई दिल्ली: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के विषय में जश्न मनाने के लिए काफी कुछ है लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी या स्पष्ट निष्क्रियता के चलते कई चुनावी सुधार लंबित हैं. कुरैशी ने कहा, ‘हमारी प्रणाली में कुछ त्रुटियों के प्रति सावधान रहना भी आवश्यक है, जिसमें लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुधार की काफी गुंजाइश रहती है.' कुरैशी ने चुनावी लोकतंत्र में भारत के विशिष्ट...

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आपराधिक मानहानि क़ानून ख़त्म होना चाहिए, राजद्रोह क़ानून की हो समीक्षा: जस्टिस लोकुर

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से 30 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए जस्टिस मदन बी लोकुर ने बुधवार को कहा कि आपराधिक मानहानि को अपराध के रूप में परिभाषित करने वाले कानून को खत्म किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि राजद्रोह से जुड़ी धारा 124-ए की समीक्षा की आवश्यकता है. क़ानून और न्यायपालिका पर आधारित न्यूज़ पोर्टल ‘द लीफलेट' की ओर से ‘भारतीय न्यायपालिका की दशा' विषय पर हुए एक कार्यक्रम...

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