भारत में निजी कंपनियों को कड़ी टक्कर देते हुए शानदार प्रदर्शन करने वाले पीएसयू का जलवा विदेशों में भी कायम रहा है। खासतौर से पेट्रोलियम कंपनियों ने तो तेल खनन के मामले में नित नए रिकॉर्ड बनाए हैं। ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, गेल, और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियों ने विदेशों में अपने प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। साथ मिलकर टक्कर देंगे विदेशी मंच पर दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर के इरादे से पीएसयू...
More »SEARCH RESULT
विषमता की दुनिया-- धर्मेंन्द्रपाल सिंह
दावोस में विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम) की बैठक से ठीक पहले आर्थिक असमानता पर जारी आॅक्सफेम रिपोर्ट चौंकाती है। ‘एन इकॉनमी फॉर 99 परसेंट' नामक इस रिपोर्ट के अनुसार, आज बिल गेट्स, वारेन बफेट जैसे केवल आठ धन्नासेठों के पास विश्व की आधी गरीब आबादी यानी 3.6 अरब जनता के बराबर धन-दौलत है और एक प्रतिशत अमीरों के कब्जे में 99 फीसद संपत्ति है। यह हालत तब है...
More »विकास भी चाहिए और रोजगार भी-- एन के सिंह
पिछला एक वर्ष भारत के लिए उथल-पुथल भरा रहा है। अपनी संप्रभुता, सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रवाद की आक्रामक अभिव्यक्तियों से उसे जूझना पड़ा है। वहीं, इस क्षेत्र की भू-राजनीति अब भी अनिश्चित और अस्थिर बनी हुई है। चीन की विकास दर घट रही है, लिहाजा अपने आर्थिक रसूख को कायम रखने के लिए वह नए-नए तरीके अपना रहा है। दक्षिण चीन सागर विवाद पर ट्रिब्यूनल के फैसले को...
More »जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह
ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...
More »सात फेरों के पहले 700 पौधे लगायेगी किरण
मोतिहारी : मोतिहारी शहर से 10 किलोमीटर दूर तुरकौलिया का मझार गांव. यहां की रहनेवाले जीतेंद्र सिंह के यहां चहल-पहल है. घर में मंडप लगा है. बेटी किरण, जो राज्य स्वास्थ्य समिति पटना में काम करती है, उसकी सात जुलाई को शादी है. किरण ने शादी के पहले सात सौ पेड़ लगाने का संकल्प लिया है, जिसको पूरा करने के लिए बुधवार को गड्ढे खोदने का काम चल रहा था....
More »