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एडिटर्स गिल्ड ने की वित्त मंत्रालय में मीडिया पर पाबंदी की आलोचना, कहा- वापस लें आदेश

नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ने नॉर्थ ब्लॉक में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से लगाई गई बंदिशों को मीडिया की आजादी का गला घोंटना करार दिया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह ‘मनमाना फैसला' वापस लेने की अपील की. हालांकि, इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय से मंगलवार को जारी स्पष्टीकरण में कहा गया था कि वित्त मंत्रालय के भीतर मीडियाकर्मियों के प्रवेश...

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हिंदी सहित छह क्षेत्रीय भाषाओं में अपने फैसले का अनुवाद उपलब्ध कराएगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि वह इस महीने के अंत से अपने फैसलों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराएगा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, मौजूदा परंपरा के अनुसार फैसलों को अंग्रेजी में लिखा जाता है और उसी तरह से...

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नगालैंड: आफस्पा की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाई गई

नई दिल्ली: पूरे नगालैंड राज्य में विवादास्पद कानून आफ्सपा की अवधि बढ़ाते हुए और छह महीने, दिसंबर 2019 तक ‘अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया गया है. आफस्पा सुरक्षा बलों को राज्य की सीमा के अंदर कहीं भी अभियान संचालित करने और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. नगालैंड में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून (आफस्पा) कई दशकों से लागू है. गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना...

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चुनावी हंगामे में रोजगार का मसला- हरजिंदर

इस बार आम चुनाव के दो थीम सॉन्ग हैं- रोजगार और कैश ट्रांसफर। ये दोनों गरीबी हटाने के सपने का हिस्सा हैं। कैश ट्रांसफर के सारे वादे सीधे और स्पष्ट हैं, जो छह हजार रुपये सालाना से शुरू होकर 72 हजार रुपये तक जाते हैं, साथ में कुछ पेंशन योजनाएं वगैरह भी हैं। लेकिन रोजगार के बारे में इतनी स्पष्ट बात नहीं की जा रही। पिछली बार भारतीय जनता पार्टी...

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न्याय की प्रतीक्षा में आदिवासी!- सी आर मांझी

भारतीय संविधान के आधार पर आदिवासियों की पहचान को अनुसूचित जनजातियों के नाम से जाना जाता है. परंतु यह सर्वज्ञात है कि भारत की आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. यह समाज अपने स्तर से अपनी असली आदिवासी की पहचान एवं परिचय को संजोकर आदिम परंपरागत निष्ठा, निश्छलता, आदर्श एवं धार्मिक आस्था को बनाये रखा...

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