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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

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मातृत्व पर गहराता संकट

नई दिल्ली [अरविंद जयतिलक]। बेशक देश में महिलाएं सफलता का इतिहास रच रही हैं। अपने बुलंद हौसले से उन कार्यो को भी अंजाम तक पहुंचा रही हैं, जो सदियों से उनके लिए असंभव बताया जाता रहा है। बात चाहे देश में सरकार को नेतृत्व देने का हो अथवा सेवा क्षेत्र में मिसाल कायम करने की, आज वह हर कहीं पुरुषों से कंधा मिला रही हैं, लेकिन इन सबके बावजूद दुखद स्थिति यह है कि बुनियादी स्वास्थ्य...

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भुखमरी-एक आकलन

 खास बात   - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में  24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...

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मानव विकास सूचकांक

   खास बात • 2018 में, 189 देशों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्रों में भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में 129वें पायदान पर (एचडीआई वेल्यू 0.647) था, जबकि चीन 85वें (एचडीआई वेल्यू 0.758), श्रीलंका 71वें (एचडीआई वेल्यू 0.780), भूटान 134वें  (एचडीआई वेल्यू 0.617), बांग्लादेश 135 वें (एचडीआई वेल्यू 0.614) और पाकिस्तान 152 वें पायदान (एचडीआई वेल्यू 0.560) पर था. • 1990 और 2018 के बीच, औसत वार्षिक मानव सूचकांक के मूल्यांक में (तर्कयुक्त संकेतक, कार्यप्रणाली और समय-श्रृंखला डेटा के...

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शिक्षा

खास बात • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में पुरुष साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ६३ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ६८ फीसदी हो गई।* • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में महिला साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ३६ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ४३ फीसदी हो गई।*  • भारत के ग्रामीण अंचल में अनुसूचित जनजाति के तबके के लोगों में साक्षरता दर सबसे कम(४२ फीसदी) पायी गई है। इसके तुरंत बाद अनुसूचित...

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