नई दिल्ली: यूपीए सरकार की ओर से लागू की गई मनरेगा स्कीम में अब मौजूदा ग्रामीण विकास मंत्री की ओर से तब्दीली की तैयारी है। ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी चाहते हैं कि दिहाड़ी और साजो-सामान के अनुपात को 60. 40 से घटा कर 51.49 कर दिया जाए। इसके साथ ही इस स्कीम को हर जगह लागू न करके केवल जरूरतमंद इलाकों में ही लागू किया जाए। राज्यों को यह अधिकार...
More »SEARCH RESULT
खाद्य या यूपीए-सुरक्षा बिल!- प्रमोद जोशी
जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...
More »हर भूमिहीन को जमीन!
जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में मनरेगा योजना ने यूपीए-1 की किस्मत बदल डाली, अब यूपीए-2 की नजर एक ऐसा ही महत्वाकांक्षी कानून लाने पर है. कांग्रेस नीत यूपीए सरकार भूमि अधिकार कानून के जरिए 2009 के नतीजों को दोहराने की तैयारी कर रही है. 2014 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपीए ने महत्वाकांक्षी भूमि सुधार कानून का मसौदा तैयार किया है जिसका मकसद गांवों में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को जमीन मुहैया कराना...
More »‘आप गलतफहमी के शिकार हैं. हमने भूमि सुधारों को बैकबर्नर पर नहीं डाला है’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...
More »नरेगा और सोशल ऑडिट
खास बात • मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है. • वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ. • वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर...
More »