टेलीफोन की घंटी बजती है, तो अंजलि टोप्पो के चेहरे पर सुखद मुसकान तैर जाती है। रांची सदर हॉस्पिटल के लगभग सात बाई नौ के एक छोटे से केबिन में ममता वाहन कॉल सेंटर में लोगों के फोन कॉल्स सुनती हुई अंजलि खुद को खुशनसीब समझती है। वह कहती है, 'लोगों की मदद कर सुकून मिलता है।' चार जुलाई, 2011, इसी दिन रांची में ममता वाहन कॉल सेंटर शुरू हुआ...
More »SEARCH RESULT
नियति है मौत!- (रिपोर्ट निराला, तहलका)
बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के दो-तीन जिलों के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार फिर जून का महीना जानलेवा साबित हुआ. रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आकर 60 से अधिक बच्चे काल के गाल में समा गए. इस बीमारी और बीमारी के बहाने प्रभावित इलाके के साथ स्वास्थ्य महकमे की पड़ताल करती निराला की रिपोर्ट आंखों देखी-कानों सुनी दोपहर करीब साढ़े तीन बजे का समय. मुजफ्फरपुर शहर का केजरीवाल मातृ...
More »गरीबों का इलाज आसान- कैबिनेट ने दी नयी योजना को मंजूरी
पटना : कैबिनेट ने मंगलवार को बीपीएल परिवारों को सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए नयी योजना को मंजूरी दी. इसकी खास बात यह है कि सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा व दवाएं उपलब्ध नहीं रहने पर ये सुविधाएं बाहर से उपलब्ध करायी जायेंगी. इस पर आनेवाला खर्च रोगी कल्याण समिति वहन करेगी. इस पैसे की कटौती संबंधित मरीज की बीमा राशि से की जायेगी. बीपीएल परिवार के...
More »कुपोषण
खास बात 2018 में देश में पांच साल से कम उम्र के 8.82 लाख बच्चों की मौत हुई. नाइजीरिया में यह आंकड़ा 8.66 लाख और पाकिस्तान में 4.09 लाख था। • 2018 में, देश के 28 दिनों से कम आयु के 5.49 लाख बच्चों की मृत्यु हुई। • कुपोषण का उपयोग अब बच्चों को स्टंटिंग (उम्र के हिसाब से छोटा कद) और वेस्टिंग (लंबाई के हिसाब से कम वजन), आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमियों के...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
More »