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नई ILO रिपोर्ट: टेक्नोलॉजी आधारित नए डिजिटल श्रम प्लेटफार्म श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं!

वेबआधारित और प्लेटफॉर्म श्रमिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं हम में से हर एक के जीवन को प्रभावित करती हैं, लेकिन श्रम क्षेत्र को बदलने में डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों की भूमिका के बारे में ऐसी जानकारियां बहुत कम है. ऐसे डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों ने श्रमिकों, व्यवसायों और समाज के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा किए हैं. हालांकि, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म उचित काम और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए गंभीर खतरे भी पैदा...

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विकास, समृद्धि और वृद्धि के मामले में महामारी के दौरान विश्व का अग्रणी बनने की दौड़ में चीन के मुकाबले भारत पिछड़ा!

पिछले एक वर्ष के दौरान, कोविड-19 महामारी द्वारा लाई गई मंदी की बदौलत विकास, समृद्धि और वृद्धि के मामले में विश्व का अग्रणी बनने की दौड़ में भारत पिछड़ता नजर आ रहा है. साल 2020 में देश में कुल गरीब लोगों की संख्या बढ़ गई है और मध्यम वर्ग पहले की तुलना में कम हो गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका के थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन से...

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कोविड-19 के बाद आर्थिक असमानता की ओर देश के बढ़ते कदम!

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा अक्टूबर 2020 में जारी द वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक नामक छमाही प्रकाशन ने अनुमान लगाया है कि 1990 के दशक के बाद से देशों द्वारा गरीबी को कम करने के लिए की गई आर्थिक प्रगति सर्वव्यापी महामारी कोविड -19 से प्रभावित हुई है. यह तय है कि कोविड-19 के बाद भी आर्थिक असमानता में बढ़ोतरी होगी क्योंकि संकट ने महिलाओं, अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों और कम...

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डाउन टू अर्थ तफ्तीश: अंधेरे में तीर मारने जैसी है किसानों की आय में वृद्धि की कवायद

-डाउन टू अर्थ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर किसानों की आय दोगुनी हो जाए। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग स्तर पर योजनाएं चल रही हैं। इनमें से एक बड़ी योजना हर जिले में दो "डबलिंग फार्मर्स इनकम विलेज " बनाना, ताकि इन गांवों से सीख लेते हुए जिले के सभी गांवों के किसानों की आमदनी दोगुनी...

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सेविंग्स, प्रोफिट और स्टॉक्स ज्यादा समय तक नहीं चढ़ सकते, उम्मीद की जानी चाहिए कि बदलाव की रफ्तार धीमी होगी

-द प्रिंट, जब लोगों की आमदनी घटती जा रही है, कंपनियों का कारोबार सिकुड़ रहा है, तब आप यही उम्मीद कर रहे होंगे कि घरेलू बचत और कॉर्पोरेट मुनाफे में भी गिरावट आ गई होगी. आपकी यह उम्मीद गलत है. हकीकत यह है कि आम तौर पर जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर रहने वाली घरेलू वित्तीय बचत ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में इसके दोगुने से ज्यादा...

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