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पदयात्रा, पंचायत और पैंतरेबाजी- (रिपोर्ट अतुल चौरसिया, तहलका)

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की हालिया पदयात्रा का एक मकसद साफ है, यह किसानों के हितों से ज्यादा चुनावी हितों को समर्पित थी. लेकिन राजनीति के ऐसे दौर में जब नेता गाड़ियों-बंगलों के बाहर झांकना ही नहीं चाहते, क्या उनकी यात्रा को सिर्फ अवसरवादी कहकर नकार दिया जाए? अतुल चौरसिया की रिपोर्ट पदयात्राएं और रथयात्राएं बहुत उत्पादक होती हैं. चुनावी शुभ-लाभ के लिहाज से. अतीत इसका दस्तावेज है. जिन लोगों ने...

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सुप्रीम कोर्ट का भाजपा सरकार को झटका, ठाकरे ट्रस्ट से छिनी जमीन

भोपाल. सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट को मिली 20 एकड़ जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है। शीर्ष अदालत ने आवंटन को अवैध करार देते हुए सरकार को आदेश दिया है कि 15 दिन के भीतर ट्रस्ट से जमीन वापस ली जाए। ट्रस्ट ने शाहपुरा थाने के पीछे बावड़ियाकलां की यह जमीन भाजपा कार्यकर्ता-पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण संस्थान खोलने के लिए ली थी। जस्टिस जीएस सिंघवी और एके गांगुली की पीठ...

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येद्दियुरप्पा : मुख्यमंत्री या भू-माफिया ?

कर्नाटक में सरकारी जमीनों को लेकर हुई धांधली ने घोटालों का नया रिकार्ड कायम कर दिया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने परिवार और पार्टीवालों को जमीनें बांटकर खूब उपकृत किया। घोटाला उजागर होने पर वे कहते रहे कि उन्होंने जो भी किया, वह वैसा ही है जैसा पूर्व के मुख्यमंत्रियों ने किया। अब पार्टी हाईकमान ने कार्रवाई की तलवार लटका दी है तो येदियुरप्पा के परिवारवाले जमीन लौटा रहे हैं। पर इससे...

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नौ शहरों में पीपीपी मॉडल पर कचरा प्रबंधन की तैयारी

लखनऊ। प्रदेश के नौ शहरों को पॉलीथीन में कूड़ा भरकर उसे सड़क पर फेंकने से अब निजात मिल सकेगी। शीघ्र ही इन शहरों में निजी-सरकारी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के आधार पर 'इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' की कवायद शुरू होने जा रही है। इसके तहत एक निजी संस्था लोगों के घरों से कूड़ा इकट्ठा करके उसे वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करेगी। इस प्रक्रिया के दौरान जैविक कचरे से कम्पोस्ट खाद और...

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शिक्षा

खास बात • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में पुरुष साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ६३ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ६८ फीसदी हो गई।* • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में महिला साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ३६ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ४३ फीसदी हो गई।*  • भारत के ग्रामीण अंचल में अनुसूचित जनजाति के तबके के लोगों में साक्षरता दर सबसे कम(४२ फीसदी) पायी गई है। इसके तुरंत बाद अनुसूचित...

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