-गांव कनेक्शन, स्काटलैंड के शहर ग्लासगो में चल रहे 2021 के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP26 का आज 12 नवंबर को समापन हो जाएगा। दुनिया के तमाम देश इसके परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन तमिलनाडु का वन विभाग इस दिशा में काम करने के लिए पहले से ही तैयार है। तमिलनाडु सरकार और उसके वन विभाग ने हाल ही में, अपने समृद्ध वन भंडार, वनस्पतियों और जीवों को सुरक्षित और...
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अडानी के खनन से हसदेव का जंगल बचाने के लिए आदिवासियों की ऐतिहासिक पदयात्रा
-जनपथ, कोयला खनन के विरोध में सरगुजा और कोरबा जिले के 30 गांवों के 350 से अधिक आदिवासी ‘हसदेव बचाओ पदयात्रा’ के बैनर तले पदयात्रा कर रहे हैं। ग्रामीणों ने अपनी यात्रा मदनपुर ग्राम से शुरू की और 10 दिनों में 300 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए वे राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं, जहां वे अपनी मांगों को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। आदिवासियों ने इसका...
More »पंचतत्व: इस धरती पर मनुष्य के अलावा दूसरे प्राणी भी हैं, उनकी आज़ादी के बारे में कब सोचेंगे हम?
-जनपथ, अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट में तब के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ ने मशहूर पर्यावरणविद एम. के. रणजीतसिंह द्वारा दो साल पहले दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एक टिप्पणी की थी, कि पर्यावरण के मामले में न्याय तभी मिल पाएगा जब हम मानव-केंद्रित ‘एंथ्रोपोसेंट्रिज्म’ के सिद्धांत से हटकर प्रकृति-केंद्रित ‘ईकोसेंट्रिज्म’ की तरफ जाएं, जिसमें इंसान प्रकृति का हिस्सा है और...
More »मध्य प्रदेश: पर्यावरण दिवस पर वन बचा रहे शिवराज बक्सवाहा के जंगलों की बर्बादी पर मौन क्यों हैं
-द वायर, ‘बाग-बगीचे, जंगल, हरियाली केवल मनुष्य के लिए ही जीवनदायिनी नहीं है, अपितु जीव-जंतु, पशु-पक्षी आदि के जीवन का आधार है.’ ये शब्द मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हैं, जो 5 जून 2021 यानी ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के दिन एक अखबार में छपे उनके लेख में लिखे थे. लेकिन, विडंबना देखिए कि पर्यावरण के प्रति इतनी अधिक संवेदनशीलता रखने वाले शिवराज के ही राज्य के एक हिस्से में...
More »उत्तराखंड में क्यों धधक रहे हैं जंगल? सारे सवालों के जवाब जानिए
-बीबीसी, उत्तराखंड वन विभाग के अनुसार सोमवार, 5 अप्रैल को प्रदेश के जंगलों में 45 जगह आग लगी हुई है और इससे 68.7 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. एक अक्टूबर, 2020 से अब तक जंगलों में आग के 667 मामले दर्ज किए गए हैं और इससे 1359.83 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. उत्तराखंड के जंगलों में आग हर साल आने वाली ऐसी आपदा है जिसमें इंसानी दखल मुख्य कारण माना जाता है. हर साल...
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