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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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बफर जोन बनाएं, कॉरिडोर बचाएं

बाघ बचाने के तमाम उपायों और कार्ययोजनाओं में से एक महत्वपूर्ण उपाय है राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों एवं संरक्षित वनों के बाहर के क्षेत्र का संरक्षण। दुर्भाग्य से देश भर में यह नहीं हो रहा है। यहां सीधे-सीधे बाघ के वजूद और आदमी के स्वार्थों का टकराव है। राजनेता, खनन माफिया और अन्य स्वार्थी-लोभी तत्व ऐसे उपायों का विरोध करते हैं। बाघ की सुरक्षा के लिए बफर क्षेत्र उपयोगी है इसलिए टाइगर रिजर्व...

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वनक्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा पत्थरों का अवैध उत्खनन

डोमचांच (कोडरमा)। नीरू पहाड़ी से पांच किमी उत्तर ढोढाकोला रोड में कुबड़ी घाटी मोड़ से तीन किमी बायी ओर (पश्चिम) जाने वाली कच्ची सड़क जो घनघोर जंगलों को चीरकर सीधा समसिहरिया एवं हदहदवा में पत्थरों का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से हो रहा है। रिजर्व फारेस्ट के अंतर्गत पड़ने वाले इन माइंस में विगत 8-10 वर्षो से उत्खनन का काम हो रहा है जिसमें प्रतिदिन दर्जनों शक्तिमान बोल्डर स्थानीय क्रशर मिलों को आपूर्ति की जा रही...

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सपना हो जाएगी महुए की डोभरी !

बांदा। महुआ के फूल से बनी 'डोभरी' जंगल में बसे जनजातियों के लिए अब सपना हो जाएगी। 'डोभरी' जनजातियों के जीवन का एक प्रमुख सहारा रहा है। कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातियों को अब भूखे पेट रात बितानी होगी। वन संपदा पर दबंगों की हुकूमत व सूखे की मार से मुंह का निवाला छिन गया है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के फतेहगंज क्षेत्र के कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातीय...

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नहीं रुक रहा बाघों की मौत का सिलसिला

नई दिल्ली। इस साल जनवरी के बाद केवल दस हफ्तों में देश के अनेक अभयारण्यों में कम से कम 13 बाघों की मौत हो गई, जिनमें जनवरी और मार्च में पांच-पांच बाघों की मौत हुई। पिछले साल 60 बाघों की मौत दर्ज की गई थी। दुनिया में केवल 3500 बाघ बचे हैं, जिनमें से 1411 भारत में हैं। यह सब तब हो रहा है जबकि, पूरी दुनिया इस संकटग्रस्त प्रजाति की...

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