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मणिपुर लैंडस्लाइड ने रेल परियोजना पर उठाए सवाल, जंगलों की कटाई पर लोगों से नहीं ली सलाह

दिप्रिंट,5 जुलाई  14,000 करोड़ रुपये का इंफाल-जिरीबाम रेलवे प्रोजेक्ट पिछले हफ्ते नोनी जिले में घातक भूस्खलन की चपेट में आ गया. विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस त्रासदी के पीछे कहीं न कहीं यह परियोजना भी जिम्मेदार है. तुपुल/इंफाल: मणिपुर के पहाड़ी जिले नोनी में निर्माणाधीन तुपुल रेलवे स्टेशन के पास पिछले हफ्ते एक विनाशकारी भूस्खलन ने 111 किलोमीटर की महत्वाकांक्षी इम्फाल-जिरीबाम रेलवे परियोजना पर सवाल खड़े कर दिए...

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म्यांमार में सैन्य कू के बाद बच कर मिजोरम आए शरणार्थियों के बिगड़ रहे हालात

-कारवां, फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने के बाद भारत आने वाले शरणार्थियों में से एक 57 वर्षीय न्गुंचन ने मुझे बताया कि “गांव में गोलीबारी चल रही थी और गोलियां खिड़की से होकर गुजर रही थीं. हम सोफे के नीचे छिप गए. जब थोड़ी शांति हुई तो हम भूखे पेट जंगल की ओर भागे. हम बहुत डरे हुए थे. मेरे पति नहीं रहे. मैं और मेरी बेटी इस बात...

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भारत में डेल्टा सब वेरिएंट एवाई.4.2 के 18 मामलों की पुष्टि

-डाउन टू अर्थ, भारत में कोविड-19 के नए डेल्टा वेरिएंट एवाई.4.2 के 18 मामले सामने आ चुके हैं। यह जानकारी 10 दिसंबर को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी।  लोकसभा में सदस्य कलानिधि वीरास्वामी ने पूछा था कि क्या सरकार को पता है कि भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर के डर के बीच डेल्टा वेरिएंट एवाई.4.2 के नए मामले सामने आए हैं।...

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किसान बहुत सारे मुद्दों पर सफल रहे, पर मीडिया पूरी तरह नाकाम रही

-गांव सवेरा,  प्रधानमंत्री के कुछ किसानों को न मना पाने के कारण तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया गया, बल्कि इसके पीछे का सही कारण है किसानों का दृढ़ता से डटे रहना। जबकि डरपोक मीडिया उनकी शक्ति और संघर्ष की सही कद्र भी नहीं कर रहा है।मीडिया खुल कर यह नहीं मान रहा की, कई सालों में, हुए दुनिया के इस सबसे लंबे संघर्ष ने जीत हासिल की है, जो महामारी...

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अनहेल्दी सीक्रेट्स - क्यों जरूरी है पीएम केयर्स फंड की जांच

-कारवां, आजादी के बाद देश के सभी बड़े शहरों में पाकिस्तान से आने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों की संख्या हर बीतते दिन बढ़ रही थी. जवाहरलाल नेहरू उस समय देश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे और उनके आधिकारिक आवास तीन मूर्ति भवन में भी लोगों की भीड़ लगी रहती. नेहरू के निजी सचिव रहे एम. ओ. मथाई अपनी किताब रेमनिसंस ऑफ दि नेहरू ऐज में नेहरू की एक आदत...

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