SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 26

इक्कीसवीं सदी दलितों की है-- चंद्रभान प्रसाद

दलितों का महत्व अचानक ही बढ़ गया है, तमाम राजनीतिक पार्टियां डॉ. भीमराव अंबेडकर की परंपरा को अपनाने का दावा करते हुए दलितों के साथ अपनापा स्थापित करने में लग गई हैं। संघ परिवार जैसा दलितों का घनघोर विरोधी संगठन भी अंबेडकर के पक्ष में खड़ा होने लगा है। इन बुनियादी तथ्यों पर जरा नजर दौड़ाइए- 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने 282 सीटें...

More »

किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार

जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...

More »

उपलब्धियों से अधिक चुनौती -- अजय बोस

केंद्र की सत्ता में एक साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा चाहे कितना भी जश्न क्यों न मनाए, वास्तविकता यह है कि उसकी परेशानी छिपाए नहीं छिप रही। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि कॉरपोरेट हितैषी की रही है। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनकी यह छवि कमोबेश खंडित होती दिखाई देती है। पिछले दिनों खत्म हुए बजट सत्र में उनकी कोशिशों के बावजूद ऐसा कुछ नहीं हुआ,...

More »

पांच एकड़ से ज्यादा जमीन 8.6% सवर्ण हिंदू परिवारों के पास

पटना: आम धारणा है कि बिहार की ऊंची जातियों के पास ही जमीन का रकबा संकेंद्रित हैं. पर सवर्ण आयोग की रिपोर्ट इस धारणा को खंडित करती है. हिंदुओं की ऊंची जाति के 55.1 फीसदी और मुसलमानों की ऊंची बिरादरी के 86.1 फीसदी हाउसहोल्ड (परिवार) के पास जमीन का मामूली टुकड़ा है. ये ऐसे परिवार हैं, जिसके पास एक एकड़ से भी कम जमीन है. इसका अर्थ है कि हिंदुओं...

More »

अधर में महिला आरक्षण- संजीव चंदन

अचानक कोई निर्णय नहीं लिया गया तो इस बार शीत-सत्र में भी भाजपा सरकार महिला आरक्षण विधेयक संसद मे पेश नहीं करने जा रही। राज्यसभा में 2010 में ही इसे पास कर लोकसभा के लिए भेज दिया गया था। तब राज्यसभा में विधेयक के पारित होने को इसकी ताकत माना गया था कि अब यह विधेयक जीवित रहेगा। संवैधानिक नियमों के अनुसार राज्यसभा में अगर पेश किए जाने के बाद...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close