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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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गन्ने की 72 करोड़ बकाया पेमेंट के लिए सड़कों पर उतरे पंजाब के दोआबे के किसान

गांव सवेरा, 13 अगस्त पंजाब के जालंधर-लुधियाना नेशनल हाइवे पर गन्ने की बकाया पेमेंट न मिलने के कारण पिछले पांच दिन से आंदोलित किसानों ने हाइवे को दोनों तरफ से जाम कर दिया है. किसानों ने एक चीनी मिल द्वारा अपने बकाया 72 करोड़ रुपये के भुगतान में देरी का विरोध करते हुए 8 अगस्त को जालंधर-लुधियाना नेशनल हाइवे पर आंदोलन शुरू किया था. किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के बैनर...

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पानी और साफ-सफाई

खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...

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लक्षद्वीप के स्कूलों में मध्याह्न भोजन में छात्रों को पहले की तरह मांस उत्पाद परोसने का आदेश

न्यूज़ क्लिक,25 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने डेयरी फार्म को बंद करने और स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन से मांस उत्पादों को हटाने के लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने का निर्देश दिया था। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासन ने स्कूल अधिकारियों को उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया है, जिसके...

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सात साल में कितना बदला देश में पहले हैबिटेट राइट्स वाला बैगाचक?

मोंगाबे हिंदी, 14 जुलाई  देश में पहली बार 2015 में मध्यप्रदेश के बैगाचक के सात गांवों में वन अधिकार क़ानून के अंतर्गत पर्यावास अधिकार यानी हैबिटेट राइट्स दिए गये थे। लेकिन इस इलाके के लोगों को अब भी इसका ठीक-ठीक मतलब नहीं पता है। जिन सात गांवों को हैबिटेट राइट्स दिए गए थे, आज तक उनका एक प्रामाणिक नक्शा तक नहीं बन पाया है। देश में हैबिटेट राइटस से संबंधित दिशा-निर्देश के लिए...

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