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वायु प्रदूषण को रोकने के लिए 34 फीसदी देशों में नहीं हैं जरूरी कानून

-डाउन टू अर्थ, दुनिया के करीब एक-तिहाई देशों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी कानून नहीं हैं। वहीं जिन देशों में इस तरह के कानून मौजूद भी हैं, वहां इनमें और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों में काफी अंतर है। यह कानून काफी हद तक डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइन्स से मेल नहीं खाते हैं। वहीं करीब 31 फीसदी देश ऐसे हैं जिनके पास इन वायु गुणवत्ता मानकों...

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कोविड-19 राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रमुख विनोद पॉल के काम से असंतुष्ट विशेषज्ञ

-कारवां,  इस महामारी से निपटने में भारत के जो प्रयास थे उनकी छानबीन विनोद के॰ पॉल की भूमिका के अध्ययन के बिना नहीं की जा सकती. राष्ट्रीय टॉस्क फोर्स का नेतृत्व करने के अलावा पॉल नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आन वैक्सिन एडमिनिस्ट्रेशन के भी अध्यक्ष हैं. यह ग्रुप देश में कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करता है और देशभर में टीके की व्यवस्था करने से संबंधित निर्णय लेता है. नीति आयोग...

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ग्रामीण भारत में बढ़ता कोरोना : डॉक्टरों की कमी, झोलाछाप पर भरोसा और वैक्सीन के लिए झिझक

-गांव कनेक्शन, भारत की 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जबकि सिर्फ 33 प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधाएं ही उन्हें मिल रही हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा तीन स्तर पर काम करता है, जिसमें एक उप-केंद्र, एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 3,000 से अधिक डॉक्टरों की कमी है, जो पिछले 10 सालों...

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बेदम होती स्वास्थ्य व्यवस्था : कोविड-19 संकट में तपेदिक के सबक

-कारवां, {1} दिसंबर 2019 में डॉ. आनंदे वुहान से आने वाली खबरों पर व्याकुलता के साथ नजरें जमाए हुए थे. चीन के शहरों में सार्स जैसा एक रहस्यमय वायरस फैल रहा था. उस समय अपने डॉक्टर मित्रों के साथ होने वाली चर्चा को याद करते हुए आनंदे ने मुझे बताया, “मैंने सुना कि वह वायुजनित बीमारी थी. हम सुन रहे थे कि रोगियों में खांसी, बुखार आदि जैसे ही लक्षण हैं.” आनंदे की...

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बिहार में कोविड-19 महामारी की कमजोर तैयारी से गहराता स्वास्थ्य संकट

-कारवां, 16 जुलाई तक बिहार में कोविड-19 मामलों की संख्या दोगुनी होकर 20612 तक पहुंच गई थी. संक्रमित लोगों में राज्य और राजनीतिक प्रतिष्ठान के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल है जिसके चलते महामारी को लेकर राज्य की प्रतिक्रिया धीमा हो रही है. यह तब है जब परीक्षणों के मामले में राज्य सबसे कम परीक्षण करने वाले राज्यों में गिना जा रहा है. परीक्षण का राष्ट्रीय औसत 9289 प्रति 10 लाख है...

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