-आउटलुक, लोकसभा ने गुरुवार को विपक्ष और सत्ताधारी एनडीए के एक घटक शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के विरोध के बीच कृषि क्षेत्र से संबंधित दो विधेयक पारित किए। मोदी सरकार को झटका देते हुए तीन कृषि क्षेत्रों के बिल में एसएडी की सदस्य हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। लोकसभा द्वारा बिल पारित किए जाने से मुश्किल से एक घंटे पहले हरसिमरत कौर ने ट्वीट किया, ‘मैंने किसान...
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3 सालों में 10 लाख लोगों को रोजगार देगी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री: हरसिमरत कौर
नई दिल्ली। फूड प्रोसेसिंग उद्योग में निवेश बढ़ाने और किसानों की आमदनी को दोगुना करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने में सरकार जुट गई है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल वर्ल्ड फूड इंडिया-2017 के आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इंडिया गेट पर तीन नवंबर से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मेले के बारे में जानकारी देते हुए बादल ने बताया कि...
More »फल व सब्जियों की बर्बादी बड़ी चुनौती
नयी दिल्ली: एक ओर जहां फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में बड़े पैमाने पर फल और सब्जियां बर्बाद हो रही हैं. केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि देश में 18 फीसदी फल व 12 फीसदी सब्जियां बर्बाद हो रही हैं.क्योंकि देश में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं का अभाव है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर ने सदन में प्रश्नोत्तर काल के...
More »कार्टून विवाद के सबक- सुनील
जनसत्ता 30 मई, 2012: एनसीइआरटी की ग्यारहवीं कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक के जिस कार्टून पर विवाद खड़ा हुआ, बात महज उस कार्टून तक रहती तो समझ में आती। लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक झटके में सारे कार्टून हटाने की घोषणा कर दी। छह साल पहले बड़ी मेहनत से तैयार कक्षा नौ से बारह तक की राजनीति शास्त्र की सारी पाठ्यपुस्तकों को वापस लेने का एलान कर दिया। बाकी समाज...
More »न माननीयों की भाषा किसान समझे और न किसानों की भाषा माननीय
बठिंडा. मालवा में खाद और रसायनों के प्रभाव का आकलन करने के लिए दिल्ली से बठिंडा पहुंची सांसदों की कृषि समिति ने कैंसर के कारण तो जाने पर किसानों का दर्द नहीं जान पाई। सांसदों व किसानों के बीच भाषा सबसे बड़ी बाधा रही। सांसद ओडिशा, बंगाल, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु व उत्तरप्रदेश से थे। उन्हें पंजाबी समझ ही नहीं आई। ऐसे में किसान पंजाबी में अपनी पीड़ा बयान करते रहे...
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