शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...
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अब कौन कहेगा सूट-बूट की सरकार? - लॉर्ड मेघनाद देसाई
वर्तमान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट बहुत ही संतुलित और सधा हुआ है। बजट में ग्रामीण भारत की चिंताओं और समस्याओं को विशेष तौर पर ध्यान में रखा गया है। ऐसा पहली बार है जब किसी वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कृषि क्षेत्र और किसानों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया और एक तय सीमा अवधि में किसानों की आय...
More »1979 से ही वायु प्रदूषण का जोखिम!
आज भले ही दुनियाभर में वायु प्रदूषण पर चिंता जतायी जा रही हो और इससे निबटने के उपायों पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इसका जोखिम 30 सालों से भी ज्यादा समय से होना पाया गया है. 'साइंस डेली' के मुताबिक, इनसान के लिए वायु प्रदूषण का जोखिम 30 साल पहले ज्यादा घातक था. इसे समझने के लिए इंगलैंड में पिछले 38 सालों के संबंधित आंकड़ों का अध्ययन...
More »अहम साल रहा 2015, घातक पर्यावरणीय बदलावों के लिहाज से
बीता वर्ष 2015 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है. हालांकि, पिछले करीब एक दशक में कई वर्ष ऐसे रहे हैं, जो उस समय तक सबसे गर्म साल के रूप में आंके गये, लेकिन वर्ष 2015 को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि क्लाइमेट चेंज के लिहाज से विशेषज्ञों ने इसे 'टिपिंग प्वाइंट' करार दिया है. क्या इंगित करता है यह टिपिंग प्वाइंट, क्यों जतायी जा रही...
More »नवंबर में रिटेल में महंगाई दर बढ़ी
नई दिल्ली। दिसंबर,2015 के दौरान खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर बढ़कर 5.61 फीसदी हो गई। नवंबर में रिटेल महंगाई दर 5.41 फीसदी पर रही थी। शहरी इलाकों में महंगाई दर में मामूली बढ़ोतरी हुई। माह-दर-माह आधार पर दिसंबर में शहरी इलाकों में महंगाई दर 4.71 से बढ़कर 4.73 फीसदी हो गई। लेकिन, ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर 5.95 से बढ़कर 6.32 फीसदी हो गई। पिछले महीने खाने-पीनी की चीजों...
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