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हरियाणा सरकार का दावा, उनके राजस्व रिकॉर्ड में ‘अरावली’ नाम का कोई शब्द नहीं है

-द वायर, कानूनी एवं पर्यावरणीय विशेषज्ञों ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि हरियाणा सरकार द्वारा अरावली पहाड़ियों को फिर से परिभाषित करने और फरीदाबाद में करीब 20,000 एकड़ की भूमि को ‘विकास कार्यों’ के लिए खोलने की इजाजत देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. हरियाणा सरकार की एक समिति ने अधिकारियों को केंद्र की 1992 की अधिसूचना के आधार पर अरावली के तहत आने वाले क्षेत्रों...

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जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए : सज्जाद लोन

-कारवां, सज्जाद लोन जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष हैं. लोन के पिता अब्दुल गनी ने 1978 में पार्टी की स्थापना की थी. 2002 में संदिग्ध आतंकवादियों ने उस वक्त अब्दुल गनी की हत्या कर दी जब वह एक अन्य कश्मीरी नेता की स्मृति सभा में भाग ले रहे थे. लोन ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की कमान संभाली. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में लोन ने स्वतंत्र...

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दलहन के पारंपरिक किसानों का समर्थन करने से मिल सकती है दालों की आत्मनिर्भरता

-डाउन टू अर्थ, दालों की जमाखोरी हमेशा महंगाई लेकर आती है। दालों की महंगाई जमाखोरी का एक संकेतक बन गई है। शायद इसी भय से बीच-बीच में कानून में फेरबदल और बदलाव होते हैं। स्वतंत्र व कानून मामलों की शोधार्थी व नीति विशेषज्ञ शालिनी भुटानी का यह आलेख इन्हीं परेशानियों की तहें खोल रहा है :  भारत सरकार स्पष्ट रूप से जमाखोरी को लेकर चिंतित है, जो ऐसे समय में दालों की...

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अरावली में बगावत: कैसे भील आदिवासी राजनीति का व्याकरण बदल रहे हैं

-कारवां,  2 सितंबर 2021 को उदयपुर के एसपी कार्यालय से एक खत जिले के सभी सर्किल ऑफिसरों के नाम जारी हुआ. इस खत में 1 सितंबर 2021 के रोज राजस्थान पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग के महानिदेशक खत का हवाला देते हुए दक्षिण राजस्थान में सक्रिय राजनीतिक दल भारतीय ट्राइबल पार्टी और अन्य आदिवासी संगठनों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए थे.  दरअसल पिछले साल 7 सितंबर को आदिवासी युवाओं ने शिक्षक भर्ती परीक्षा...

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खाद्य तेलों की कीमतों पर अंकुश के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम का उपयोग करने का फैसला, कारोबारियों को देनी होगी स्टॉक की जानकारी

-गांव सवेरा, जिस आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955  को केंद्र सरकार ने तीन नये कृषि कानूनों के तहत बदलकर स्टॉक लिमिट लगाने और स्टॉक मानिटरिंग के प्रावधानों को लगभग असंभव कर दिया था उसी के सहारे खाद्य तेलों की बेलगाम कीमतों पर अंकुश लगाने का फैसला केंद्र सरकार ने किया है। इस कानून के तहत खाद्य तेलों और तिलहनों के स्टॉक डिक्लेयर करने का प्रावधान लागू किया जा रहा है और इसके लिए...

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