मुजफ्फरपुर में ‘एक्यूट इंसेफेलाइटिस' नामक बीमारी से हुई बच्चों की मौत दर्दनाक घटना है. इसने सरकार और समाज दोनों को विचलित किया है. हालांकि, विशेषज्ञ अब तक इसे अज्ञात बीमारी बता रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों ने भीषण गर्मी, कुपोषण और जागरूकता के अभाव आदि को इसका तात्कालिक कारण माना है. इस भीषण त्रासदी पर दलगत राजनीति भी हुई और मीडिया का बाजार भी गरमाया. मीडिया के एक वर्ग द्वारा राज्य...
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जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी
शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...
More »गरीबी का वायरस और चमकी बुखार- विनोद बंधु
बिहार के तिरहुत प्रमंडल में पांच साल बाद एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार का प्रेत फिर से जाग उठा है। बीते एक पखवाडे़ में इससे सवा सौ से अधिक बच्चों की सांसें थम चुकी हैं। करीब चार सौ बच्चे अस्पतालों में भर्ती कराए गए। मरीजों का आना अब भी जारी है। हर रोज बच्चों की जान जा रही है। इस इलाके के बच्चों और उनके अभिभावकों की आस...
More »पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए देश के सबसे गरीब जिलों में भी जीता
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए ने देश के सबसे गरीब जिलों में भी जीत हासिल की है। एक विश्लेषण में यह बात सामने आई। विश्लेषण में मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों से हमने 30 फीसदी या उससे अधिक गरीब घरों वाले जिलों को संसदीय सीट के आधार पर चुना। यूपी में भाजपा ने 10 सबसे गरीब जिलों में पड़ने वाली संसदीय सीटों पर बड़े अंतर...
More »राजस्थान के आदिवासी भील किसी भी दल की प्राथमिकता में क्यों नहीं हैं
चित्तौड़गढ़: खाट पर पड़े ढेरों फटे कपड़े, कुछ बर्तन, बुझा चूल्हा, पीपे में थोड़े से सूखे आटे के साथ रखी कुछ रोटी और लोहे के संदूक के अलावा इस खपरैल ओढे ‘घर' में कुछ नहीं है. चूल्हे के पास ही तीन महीने पहले एक बेटी को जन्म देने वाली गोपी भील (40) दर्द से कराह रही हैं क्योंकि उनका प्रसव घर पर ही हुआ और उसके बाद उनकी देखभाल एक जच्चा...
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