संसद का सत्र खत्म होते ही कई मामलों में अध्यादेश लाना केंद्र सरकार की बेचैनी को तो बताता ही है, हम सबसे इस बात की मांग भी करता है कि हम जानें कि हमारी सरकार किन सवालों पर इतना बेचैन होकर काम कर रही है। हमने देखा है कि देश भर में धर्म के नाम पर संघ परिवार से जुड़े लोगों और संगठनों ने जिस तरह से हंगामा मचाना शुरूकिया...
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योजना आयोग अभी भंग न करें : मांझी
पटना: बिहार ने योजना आयोग को जल्दबाजी में भंग करने का विरोध करते हुए इस मामले पर व्यापक चर्चा और निर्णय के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की विशेष बैठक बुलाने की मांग की है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नयी दिल्ली में आयोजित बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि इस मसले पर विचार-विमर्श और परिचर्चा के बिना जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लें. 12वीं पंचवर्षीय के मध्य...
More »विचारधारा के भंवर में - एम के वेणु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सुधार के अर्थों को पुनर्परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। सीआईआई और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में भारतीय और वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अरुण जेटली ने सलाह दी कि भारत जटिल सामाजिक-आर्थिक संरचना वाला एक विकासशील समाज है, इसलिए उद्यमी समुदाय को 'बिग-बैंग' सुधारों और कुछ सनसनीखेज विचारों के क्रियान्वयन की उम्मीद नहीं करनी...
More »एनजीओ को विदेशी धन का हक- डा.भरत झुनझुनवाला
कुछ महीने पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा दी गयी रपट के अनुसार, भारत के विकास में कुछ विदेशी धन से पोषित एनजीओ बाधा बन रहे हैं. एनजीओ द्वारा प्राप्त धन का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने हाल में आदेश दिया है कि इनके द्वारा 20,000 से अधिक का भुगतान चेक द्वारा ही किया जायेगा. ऐसा करने से एनजीओ के लिए धन का गैरकानूनी उपयोग करना कठिन हो जायेगा. तमाम देशों में...
More »प्रतीकों की राजनीति- प्रमोद मीणा
जनसत्ता 4 अक्तूबर, 2014: गांधीजी के जन्मदिन दो अक्तूबर से देश भर में स्वच्छ भारत अभियान का आगाज करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतीकों की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। सरदार पटेल और कृष्ण का सफल प्रतीकात्मक चुनावी दोहन करने के बाद उनकी नजरें अब गांधी और झाड़ू को एक साथ साधने पर हैं। गांधी के नाम को हर चुनाव में भुनाती आई कांग्रेस दो अक्तूबर को एक रस्मी समारोह...
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