केंद्र सरकार ने कहा है कि वह विदेशियों के लिए किराये पर कोख (सरोगेसी) के कारोबार पर रोक लगाने के पक्ष में है। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह देश में 'कमर्शियल सरोगेसी' के चलन को अवैध घोषित करने की तैयारी कर रहा है। हाल में विदेश व्यापार निदेशालय ने 2013 का अपना वह नोटिफिकेशन वापस ले लिया था, जिसमें सरोगेसी के लिए भू्रण के...
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क्या जरूरी है कि नींद झटके से ही खुले? - गोपालकृष्ण गांधी
मैंने कक्षा में सिंधु घाटी सभ्यता पर लेक्चर खत्म किया ही था और सोच रहा था कि क्या मुझे अगली क्लास में सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारणों (जिनमें भूकंप भी शामिल है) पर बात करनी चाहिए कि तभी मेरी कुर्सी, डेस्क, लैपटॉप सभी डगमगाने लगे। वास्तव में, ऐसा लग रहा था, जैसे पूरी दुनिया ही डोल रही हो। चंद मिनटों बाद मैंने इस भूकंप के बारे में और...
More »50 साल से थाने तक नहीं पहुंचा गांव का एक भी विवाद
सोनू यादव तेंदूखेड़ा, दमोह । देश हो, प्रदेश हो, जिला या कस्बा हर जगह कभी न कभी लोगों के बीच आपसी विवाद होते हैं और मामले थाने तक पहुंच जाते हैं, लेकिन दमोह जिले का एक गांव ऐसा जहां पिछले 50 साल से एक भी विवाद नहीं हुआ। यदि कभी छोटा-मोटा विवाद हुआ भी है तो वह पुलिस थाने तक नहीं पहुंच पाया। गांव के वरिष्ठ ही पंचायत कर मामले में...
More »सूखे से निपटने के लिए राज्य सरकार की अब तक प्लानिंग नहीं
भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में अल्पवर्षा व अवर्षा के कारण सूखे की स्थिति निर्मित हो रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश की 150 में से 93 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का भी निर्णय ले लिया है। अब इन सूखाग्रस्त इलाकों में पेयजल, रोजगार, जीवनरक्षक दवाइयां, पशुचारा, पशु टीकाकरण, पोषण आहार, खाद्य सुरक्षा, कृषि अनुदान, खरीफ व रबी फसलों को बचाने की चुनौती है। सूखे की स्थिति से निपटने के...
More »हिंदी सम्मेलन में खो गया बहुभाषीय भारत - डॉ अनिल सद्गोपाल
विश्व हिंदी सम्मेलन सरकारी जश्न था। सरकारी जश्नों की तरह यह जश्न भी कुछ मिथकों पर टिका हुआ था। इसका सबसे बड़ा मिथक था कि हिंदी का विकास बहुभाषीय भारत की तमाम समृद्ध भाषाओं को हाशिए पर धकेलकर करना संभव है। कहीं दूर से भी यह संदेश नहीं निकला कि जिस अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ हिंदी संघर्ष कर रही है, उसी के खिलाफ बाकी भारतीय भाषाएं भी जूझ रही हैं...
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