पटना : बिहार में बाढ़ की स्थिति में सुधार होना जारी है. राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाके से किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं आयी. आपदा प्रबंधन विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि पानी घटने से कई जगहों पर लोग घर लौटने लगे हैं. बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाये गये 8 राहत शिविरों में अभी भी 2887 लोग हैं. बिहार में इस साल बाढ़ से 514...
More »SEARCH RESULT
हरित क्रांति के बाद से भारत में बढ़ा बीफ का उत्पादन आैर निर्यात, हर साल 27,000 करोड़ की आमदनी
नयी दिल्लीः भारत में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्ष 1966-67 में हरित क्रांति की शुरुआत की गयी थी, ताकि अत्याधुनिक तकनीक पर खेती किसान खेती कर सकें. इससे देश में कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी तो हुर्इ, लेकिन इसमें पशुआें का इस्तेमाल घट गया. पशुआें का इस्तेमाल घटने की वजह से देश में बीफ के उत्पादन आैर उसके निर्यात में भी बढ़ोतरी दर्ज की गयी. राष्ट्रीय सैंपल सर्वे कार्यालय (एनएसएसआे)...
More »जीएसटी की जटिलता से बढ़ी उलझनें - रणदीप एस सुरजेवाला
कांग्र्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एक सरल कर के रूप में जीएसटी की जो परिकल्पना की थी, उसका मकसद देश में केवल एकसमान टैक्स लागू करना ही नहीं, बल्कि उसकी दरें भी कम करना था। इससे कर ढांचा सरल होने के साथ ही महंगाई में भी खासी कमी आती। 2011 में कांग्र्रेस सरकार ने 115वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिए जो जीएसटी विधेयक पेश किया था, वह न...
More »उम्मीदों-आशंकाओं के बीच जीएसटी-- भरत झुनझुनवाला
मोदी सरकार ने गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स लागू करके महान उपलब्धि हासिल की है। जीएसटी के अंतर्गत व्यापार कई तरह से सुलभ हो जाएगा। अब तक उद्योगों को एक्साइज डूयूटी तथा सेल टैक्स अलग-अलग अदा करना होता था तथा इनके रिटर्न अलग-अलग दाखिल करने होते थे। इन दोनों टैक्सों का विलय जीएसटी में हो गया है। उद्यमी को अब एक ही टैक्स अदा करना होगा एवं एक ही टैक्स अधिकारी...
More »मोदी का सबसे बड़ा दांव--- एन के सिंह
कल आधी रात को संसद के ‘सेंट्रल हॉल' में आयोजित एक जगमगाते कार्यक्रम में लंबे वक्त से प्रतीक्षित ‘गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स' यानी जीएसटी कानून आखिरकार वजूद में आ गया। प्रतिष्ठित ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा (टैक्स गैंबल) दांव करार दिया है। जीएसटी के फायदे के बारे में सब जानते हैं। यह आसानी से कारोबार कर सकने की राह में खड़ी तमाम...
More »