अहमदाबाद। मध्यप्रदेश के शहरों का गंदा पानी नर्मदा में छोड़े जाने का मामला गुजरात हाई कोर्ट में उठा है। याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के 14 जिलों से नर्मदा गुजर रही है और शहरों का गंदा पानी बगैर फिल्टर किए नर्मदा में डाला जा कहा है। इससे गुजरात के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सुभाष रेड्डी...
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उलटी प्राथमिकताओं की पटरी
इससे भला कौन इनकार कर सकता है कि बुलेट ट्रेन समय की मांग है। लेकिन जिस देश में 40 हजार करोड़ रुपए की राशि सुरक्षा-उपायों पर खर्च न हो पाने के कारण प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग रेल दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हों उसी देश में एक रेलवे मार्ग पर बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं! सवाल धनराशि का नहीं, प्राथमिकताओं का है।...
More »बीमार स्वास्थ्य तंत्र का निदान-- राजू पांडेय
विश्व स्वास्थ्य सूचकांक में भारत का स्थान 188 देशों में 143वां है। भारत स्वास्थ्य पर अपने जीडीपी का सिर्फ 1.4 प्रतिशत व्यय करता है। जबकि अमेरिका जीडीपी का 8.3 प्रतिशत, चीन 3.1 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका 4.2 प्रतिशत व्यय करता है। स्वास्थ्यमंत्री फरवरी 2015 में राज्यसभा में यह स्वीकारकर चुके हैं कि देश में चौबीस लाख नर्सों और चौदह लाख डॉक्टरों की कमी है। हम प्रतिवर्ष केवल साढ़े पांच हजार...
More »सड़कों पर हादसों के सबब --- श्रीश्चंद्र मिश्र
देश में सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो गया है इसका आभास सिर्फ इन आंकड़ों से हो जाता है कि पिछले साल देश में रोज औसतन 410 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 2015 में यह आंकड़ा करीब चार सौ था। हादसों का कारण चाहे बेलगाम रफ्तार हो या सड़कों की दुर्दशा, 2014 में हर एक घंटे में औसतन सोलह लोगों को सड़क हादसों में जान गंवानी पड़ी। इस अरसे...
More »शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश
राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...
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