बिहार में महात्मा गांधी के आने की जब भी चर्चा होगी, वहां राजकुमार शुक्ल भी खड़े मिलेंगे. वह न होते तो शायद चंपारण के किसानों की दुर्दशा गांधी के बरास्ते दुनिया नहीं देख पाती. गांधी के सत्याग्रह के प्रयोग का हमसफर रहे राजकुमार शुक्ल का जन्म 23 अगस्त, 1875 को चंपारण जिला के लौरिया थाना के सतवरिया नामक गांव में हुआ था. इनके पिता कोलाहल शुक्ल थे. उन दिनों निलहों...
More »SEARCH RESULT
आयकर देने में इतना परहेज!-- आकार पटेल
कुछ साल पहले एक बुजुर्ग मुझे गाना सिखाने के लिए हर सुबह मेरे घर आया करते थे. वे भले व्यक्ति थे और यह काम दशकों से करते आ रहे थे. चूंकि हमारी मुलाकात नियमित रूप से हुआ करती थी, हम गाने की शिक्षा से पहले और बाद में उनसे कई सारे विषयों पर बात भी करते थे. उनमें जितनी गहरी लगन अपने संगीत को लेकर थी, उतनी ही गंभीरता से...
More »11 बीघा से नहीं मिला दाना, किसान ने लगा ली फांसी
सूखे में फसल की बर्बादी और कर्ज की चिंता में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह अंत्योदय कार्डधारक भी था। उसकी 11 बीघा जमीन में अनाज का एक दाना भी नहीं हुआ था। नरैनी तहसील क्षेत्र के महुई गांव के मजरा धोबिन पुरवा, फतेहगंज निवासी मोहन (35) पुत्र महिपाल ने मंगलवार रात घर के खपरैल में रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। घटना के समय घर के सभी लोग...
More »लखनऊ किसान मंडी भवन की आग में प्रभावित हो सकती है बुंदेलखंड पैकेज की फाइलें
लखनऊ में मंडी समिति भवन में हुए भीषण अग्निकांड में बुंदेलखंड पैकेज से बनीं साढ़े तीन अरब की मंडियों की फाइलें भी जलने का अंदेशा है। इन मंडियों के निर्माण में बड़े पैमाने पर धांधली होने की शिकायतें हुई थीं। कुछ में जांच भी शुरू हो गई थी। मंडियों का निर्माण 2013-14 में पूरा होना था, लेकिन अभी तक अधूरी हैं। करीब 3.35 अरब की लागत वाली मंडियों के निर्माण...
More »सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य न होना किसानों के लिए है मुसीबत
सियासी उठापटक का प्रतीक बन चुका प्याज का अधिक उत्पादन अब किसानों को रुला रहा है। महाराष्ट्र में प्याज के किसानों का दर्द एक बार फिर उजागर है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के फुटकर बाजार में यह अब भी 14 रुपये किलो बिक रहा है। यही स्थिति आलू और टमाटर को लेकर भी है। पिछले साल प्रदेश में आलू का बंपर उत्पादन हुआ। नतीजा यह रहा कि लागत नहीं मिलने की वजह...
More »