बरेली (आशीष सक्सेना) । डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस, वायरल या फिर इन दिनों डरा रहा अनजाना बुखार। इनसे हो रही मौत से दहशतजदा लोगों के लिए राहत की उम्मीद जगाने वाली खबर भी है। ऐसी रिसर्च हुई है जो शायद बुखार के शमन में रामबाण साबित हो। यह रिसर्च इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिटायर्ड वैज्ञानिक डा.लाखनराम ने की है। उनका दावा है कि मामूली से दिखने वाले कालमेघ पौधे से...
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बैंक हैं महंगाई और मंदी के जिम्मेदार- विनीत नारायण
आईआईटी, दिल्ली के मेधावी छात्र रवि कोहाड़ ने गहन शोध के बाद एक सरल हिंदी में पुस्तक प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक है बैंकों का मायाजाल। इस पुस्तक में बड़े रोचक और तार्किक तरीके से बताया गया है कि दुनिया भर में महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा के लिए आधुनिक बैकिंग प्रणाली जिम्मेदार है। इन बैंकों का मायाजाल लगभग हर देश में फैला है, पर उसकी असली बागडोर अमेरिका के 13...
More »58 साल में मात्र ढाई फीसदी बढ़ी दालों की खेती
नई दिल्ली। दालों की बढ़ती कीमतों के लिए इस साल भले ही रबी फसल पर पड़ी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार को जिम्मेदार बताया जा रहा हो, लेकिन आंकड़ों के अनुसार, इसका प्रमुख कारण सालों से दालों की खेती की अनदेखी है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व खाद्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही हैं। गेहूं का रकबा 164 फीसदी और धान का रकबा 36 फीसदी बढ़ा आधिकारिक आंकड़ों...
More »विश्व फॉरेस्ट्री कॉन्फ्रेंस में उठा छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का मुद्दा
रायपुर। दक्षिण अफ्रीका के शहर डरबन में आयोजित वर्ल्ड फॉरेस्ट्री कॉन्फ्रेंस 2015 में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की जीवन शैली और उनके मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के संरक्षित बैगा आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि सुखराम बैगा, आदिवासी अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था आदिवासी वन जन अधिकार मंच की प्रतिनिधि इंदु नेताम और मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में रहने वाली बैगा आदिवासी महिला उजियारो बाई...
More »सूखे का साया
आखिरकार भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली। उसने इस साल मानसून के कमजोर रहने का अंदेशा जताया था। तब वित्तमंत्री ने कहा था कि घबराने की बात नहीं है, हो सकता है मानसून संबंधी पूर्वानुमान गलत निकले। दरअसल, वित्तमंत्री को बाजार की चिंता सता रही थी और वे निवेशकों को आश्वस्त करना चाहते थे कि सब कुछ ठीकठाक रहेगा। पर अब मौसम संबंधी पूर्वानुमान पहले से कहीं अधिक वैज्ञानिक...
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