1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
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दो सौ दिन पढ़ाना जरूरी, भले ही रविवार को खोलो स्कूल
रेवाड़ी. प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को साल में कम से कम दो सौ दिन कक्षाएं लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। भले ही इसके लिए रविवार को ही क्यों न पढ़ाना पड़े। इसके अलावा एक विद्यार्थी को सप्ताह में कक्षा में 35 घंटे की उपस्थिति जरूरी होगी। इससे पहले सरकारी स्कूलों मे 180 दिन का शैक्षिक वर्ष होता था। शिक्षा निदेशालय के इन नए नियमों का पालन न करने पर संबंधित...
More »छत्तीसगढ़ में बढ़ा मलेरिया का प्रकोप
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बढ़ते मलेरिया के प्रकोप के बाद राज्य शासन ने सभी जिला अधिकारियों को मलेरिया से निपटने के लिए उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि राज्य में मलेरिया के प्रकोप की सूचनाओं के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि सिंह ने राज्य में मलेरिया...
More »स्कूल बच्चों के लिए है सुरक्षा कर्मियों के लिए नहीं:सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली/छत्तीसगढ़.सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल प्रभावित इलाकों के स्कूलों में सुरक्षा बलों को ठहराने और पढ़ाने का काम कहीं और करने की व्यवस्था फौरन बंद करने को कहा है। मौजूदा समय में स्कूलों में रह रहे सुरक्षा बलों को हटाने का निर्देश दिया है। सलवा जुडूम से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी और जस्टिस एसएस निज्जर की बेंच ने कहा कि...
More »बी.पी.एल. शौचालय के नाम पर प्रधानों व सचिवों ने डकारे अठहत्तर लाख रूपये वर्ष २००७-०८ में
संडीला विकास खण्ड, जनपद-हरदोई में ९७ राजस्व गांव में बी.पी.एल. व ए.पी.एल. परिवारों के लिए व्यक्तिगत परिवारों को शौचालयों का निर्माण हुआ | यह निर्माण वर्ष २००७ व २००८ में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत यह कार्य ग्राम पंचायत के सचिव व प्रधानों ने करवाया | इस कार्य के लिए सरकार द्वारा पन्द्रह सौ रूपये का अनुदान बी.पी.एल. परिवारों को दिया जाना था और ए.पी.एल. परिवारों को भी पन्द्रह सौ रूपये का...
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