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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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रेणुका डैम पर एचपीपीसीएल का सख्त फैसला, जमीन खरीद पर रोक

शिमला। राष्ट्रीय महत्व के रेणुका पावर प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीदने पर विवाद के चलते रोक लगा दी गई है। अब तक जो जमीन खरीदी गई थी, उसमें क्षेत्र विशेष के जन प्रतिनिधियों को ही विश्वास में लिया गया था। इस पर कुछ लोगों को आपत्ति है। उनका कहना है कि विस्थापन के बावजूद उन्हें जमीन नहीं दिखाई गई। यानी जन प्रतिनिधि की बजाए विस्थापित का पक्ष सुना जाना चाहिए था। इसे देखते...

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100 नहीं, 32 दिन मिलता है काम- ए. जयजीत

भोपाल. क्या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) वास्तव में 100 दिन की रोजगार गारंटी सुनिश्चित करता है? कम से कम प्रदेश में तो बिल्कुल नहीं। यह खुलासा राज्य योजना आयोग के एक ताजा अध्ययन से हुआ है। इस अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में केवल एक फीसदी परिवारों को ही पूरे 100 दिन का रोजगार नसीब हो पाया है। औसतन देखें तो एक साल में एक परिवार को 32 दिन...

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किशोरियों के लिए सबला योजना

सोलन। किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल और उन्हें स्वरोजगार के अवसर दिलाने के लिए प्रदेश में अब राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना (सबला) शुरू होने जा रही है। प्रयोग के तौर पर पहले प्रदेश के चार जिलों में यह योजना शुरू होगी। योजना समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग की देखरेख में चलाई जाएगी। किशोरियों के कल्याण के लिए पहले से चल रही किशोरी शक्ति योजना को बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री...

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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

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