देहरादून, जागरण ब्यूरो: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री अमृता रावत ने महिलाओं के जीवन स्तर व आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए संचालित योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार और आंगनबाड़ी केंद्रों की कमी दूर कर अच्छे पुष्टाहार वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कुपोषण के शिकार बच्चों का सरकारी अस्पतालों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश भी दिए। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक...
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इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
More »खतरे से खाली नहीं स्कूल में पढ़ना
पोड़ैयाहाट गोड्डा निप्र: प्रखंड के राजकीयकृत प्लस टू विद्यालय डांडे को देखने से सरकार की झारखंड के नौनिहालों के प्रति गंभीरता का आकलन स्वयं हो जाता है। 50 साल पुराना भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। छत टुकड़ों में गिरती रहती है। जहां बच्चों का बैठना खतरे से खाली नहीं। बच्चों ने भी कक्षा में बैठने से इंकार कर दिया है। मनीष कुमार बताते हैं कि क्लास रूम में...
More »शिक्षक नियुक्तियों के साथ ही हटने लगेंगे विद्यार्थी मित्र
जयपुर.प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे स्कूलों में लगाए गए विद्यार्थी मित्रों को अलग-अलग चरणों में हटाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इन्हें शिक्षक भर्ती के दोनों चरणों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही हटाया जाएगा। नियमित नियुक्तियां होने से शिक्षकों के लंबे समय से रिक्त चल रहे पद भर जाएंगे। राज्य में प्राथमिक और माध्यमिक सेटअप के स्कूलों में विभिन्न जिलों में करीब...
More »एक बालिका वधू की दास्तान- जाहिद खान
हमारे देश में हर साल अक्षय तृतीया यानी तीज के दिन हजारों नाबालिग लड़कियां शादी के मंडप में पहुंचा दी जाती हैं। इन लड़कियों के मां-बाप उनकी मर्जी को जाने बिना उन्हें जबरन शादी के बंधन में बांध देते हैं। कई मामलों में इसकी सजा ये लड़कियां पूरी उम्र भुगतने को बाध्य होती हैं। बाल विवाह न केवल उनकी जिंदगी के लिए अभिशाप बन जाता है, बल्कि हमारे समाज के...
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