शिमला। हिमफेड को प्रदेश में खाद्य भंडारण बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। राज्य में गोदाम बनाने के लिए हिमफेड ने दूसरी बार टेंडर भी आमंत्रित किए हैं, लेकिन अभी तक किसी अभ्यर्थी ने रुचि नहीं दिखाई है। प्रदेश में हिमफेड को 2009 में स्टेट वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का दर्जा मिला हुआ है। हिमफेड प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम के मानकों के अनुसार खाद्य गोदाम बनाएगी। गोदाम...
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उपभोक्ता को बताना होगा राशन का हिसाब
शिमला. जिले के डिपो धारक को राशन का लेखा जोखा सार्वजनिक करना होगा। डिपो धारक ने गोदाम से कितना क्विंटल राशन उठाया गया, इसमें से उपभोक्ताओं को कितना राशन दिया और कितना शेष है। इसका विवरण डिस्प्ले बोर्ड में देना होगा। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रण अधिकारी डॉ. जोगेंद्र कंवर ने इसकी पुष्टि की है। इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए जिला खाद्य आपूर्ति विभाग ने डिपो धारक को यह...
More »दालों की खेती पर नहीं, आयात पर बढ़ाया खर्च
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दालों के आयात के लिए 5000 करोड़ रुपये और दलहन खेती के लिए औसतन सालाना केवल 500 करोड़ रुपये। समझा जा सकता है कि दालों की पैदावार क्यों नहीं बढ़ रही है। पिछले चार सालों में सरकार ने जितना धन दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए दिया है, उससे दोगुना हर साल दालों के आयात पर खर्च होता है। जब खेती बेहतर करने में...
More »आवश्यक वस्तुओं का आयात 41 प्रतिशत बढ़ा
नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के बीच कई आवश्यक वस्तुओं का आयात बढ़ाना पड़ा। इसकी वजह से बीते वित्त वर्ष 2009-10 में संवेदनशील वस्तुओं का आयात 40.5 फीसदी बढ़कर 65 हजार 564 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2008-09 में संवेदनशील वस्तुओं का आयात 46 हजार 667 करोड़ रुपये रहा था। डेयरी उत्पाद, दूध, खाद्यान्न, खाद्य तेल, काफी, चाय और दाल जैसी वस्तुओं को संवेदनशील की श्रेणी में रखा जाता...
More »दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
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