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गांव-पंचायत की उपेक्षा से कमजोर होगा लोकतंत्र

एक रिपोर्ट के अनुसार 15वीं लोकसभा में 315 सांसद ऐसे हैं जो करोड़पति हैं. जबकि 14वीं लोकसभा में ऐसे सांसदों की संख्या 156 थी. 14वीं से 15वीं लोकसभा तक आते आते ऐसे सांसदों की संख्या में करीब 102 प्रतिशत की वृद्धि हो गई. इन सांसदों में वैसी पृष्ठभूमि के सांसद गुम हो रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते थे. कॉरपोरेट क्षेत्र से जुड़े और करोड़पति सांसदों से इतर...

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गांव-पंचायत की उपेक्षा से कमजोर होगा लोकतंत्र- प्रो बी एन पटनायक

एक रिपोर्ट के अनुसार 15वीं लोकसभा में 315 सांसद ऐसे हैं जो करोड़पति हैं. जबकि 14वीं लोकसभा में ऐसे सांसदों की संख्या 156 थी. 14वीं से 15वीं लोकसभा तक आते आते ऐसे सांसदों की संख्या में करीब 102 प्रतिशत की वृद्धि हो गई. इन सांसदों में वैसी पृष्ठभूमि के सांसद गुम हो रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते थे. कॉरपोरेट क्षेत्र से जुड़े और करोड़पति सांसदों से इतर ऐसी...

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खेती-किसानी के मुद्दे गायब हैं चुनाव से- महक सिंह

चुनाव के दौरान सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और व्यक्तिवाद की बातें की जा रही हैं, पर गांव, खेती और 54 प्रतिशत जनता के मुद्दे गौण हैं। कृषि क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), पूंजी निर्माण और कृषि निर्यात लगातार घटते जा रहे हैं। 1950-51 में जीडीपी में कृषि की भागीदारी 53.1 प्रतिशत थी, जो 2012-13 में घटकर 13.7 प्रतिशत रह गई। गांव-शहर तथा किसान-गैर किसान के बीच खाई बढ़ती जा रही है।...

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भारत की आर्थिक विकास दर 6.5 प्रतिशत संभव: क्रिसिल

मुंबई. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि अगर चुनाव बाद स्थिर सरकार बनी तो अगले 5 वर्षों के दौरान देश की आर्थिक विकास दर औसतन 6.5 प्रतिशत रह सकती है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'चुनावी नतीजों से तो केवल कारोबारी धारणा सुधरती है। इकोनॉमी पर असली असर अगली सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियों का पड़ेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो फिर इससे आर्थिक...

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सामाजिक योजनाओं के भ्रष्टाचार से बड़ी चुनौती हैं कॉरपोरेट घोटाले : ज्यां

ग्रामीण विकास व ग्रामीण योजनाओं पर प्रसिद्ध अथर्शास्त्री ज्यां द्रेज के नजरिये व सोच को जानना महत्वपूर्ण है. वे इन विषयों का बारीक अध्ययन व विेषण करते हैं. बेल्जियम मूल के ज्यां द्रेज भारत में 1979 से रह रहे हैं. 2002 में उन्होंने भारत की नागरिकता ली. वे देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से भी जुडे रहे हैं. मनरेगा, खाद्य सुरक्षा व निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर उनकी गहरी समझ है. वे...

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