- अर्थशास्त्र के लिए 2001 में नोबल पुरस्कार जीतनेवाले प्रो जोसेफ इ स्टिगलिट्स ने सोमवार को पटना में आद्री के स्थापना दिवस व्याख्यान में बाजार, सरकार व समाज की भूमिका से लेकर अमेरिका के संकट तक को बहुत आसान शब्दों में रखा और बताया कि पूंजीवाद को लगातार पुनर्परिभाषित करते रहने की जरूरत क्यों है. हमलोग उनके इस व्याख्यान के बरक्स अपनी सरकारों के नीतिगत फैसलों, बाजार की भूमिका और अपने समाज...
More »SEARCH RESULT
सेहत का बीमा या मुनाफे का- अरविन्द कुमार सेन
जनसत्ता 24 दिसंबर, 2012: राजीव गांधी एक मर्तबा राजस्थान के दौरे पर गए थे और अपनी सभा खत्म होने के बाद पंडाल से निकलते समय स्थानीय लोगों से उनकी दिक्कतों के बारे में पूछ रहे थे। कुछ किसानों ने कहा कि साहब पिछले साल हरी मिर्च के दाम आसमान पर चल रहे थे तो नफे की आस में हम लोगों ने इस बार पूरे खेत में मिर्च बोई थी। हरी मिर्च...
More »इस आंदोलन के निहितार्थ- आनंद प्रधान
जनसत्ता 3 जनवरी, 2012: दिल्ली की वह बहादुर लड़की शरीर और मन पर हुए प्राणांतक घावों के बावजूद जीना चाहती थी। देश के करोड़ों लोग भी यही चाहते थे। लेकिन वह लड़ते हुए एक शहीद की तरह चली गई। यह सही है कि वह भारतीय समाज में स्त्रियों के खिलाफ होने वाली बर्बर यौन हिंसा और भेदभाव की पहली शहीद नहीं है और न आखिरी। उसके जाने के बाद भी दिल्ली,...
More »42 विधायकों पर चल रहे हैं रेप के मामले
नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद पूरा देश आक्रोश में है। लोग दोषियों को फांसी और महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर कड़े कानून की मांग कर रहे हैं। लेकिन यदि सरकार में ही बैठे कई नेता रेप के आरोपी हैं तो फिर उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह रेप के मामले...
More »गर्म पदार्थ से पांच मजदूर झुलसे एक की मौत
नालागढ़. नालागढ़ में चिकनी नदी के किनारे स्थित सिद्धि विनायक सरिया उद्योग की भट्ठी से खौलता लौह पदार्थ मजदूरों पर गिरने से पांच मजदूर बुरी तरह झुलस गए, जिनमें से एक की मौत हो गई। शनिवार को देर शाम सिद्धि विनायक उद्योग में लोहा पिघलाने के दौरान भट्ठी से खौलता हुआ गर्म लौह पदार्थ...
More »