बढ़ेगा मांग-आपूर्ति का अंतर - वर्तमान नियामकीय, आर्थिक और राजनीतिक हालातों के चलते अगले पांच सालों के दौरान मांग की तुलना में घरों की आपूर्ति में व्यापक अंतर देखने को मिल सकता है। आठ प्रमुख शहरों में यह अंतर ४५ फीसदी तक होने का अनुमान है। जहां एक ओर आने वाले पांच सालों के दौरान देश में आशियाने की जोरदार मांग देखने को मिलेगी वहीं दूसरी ओर संकेत है कि तमाम नियामकीय और आर्थिक...
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आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारत में अमीरी का आलम
महज पांच साल के भीतर देश में करोड़पतियों की तादाद 66 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ जाने का अनुमान क्रेडिट सुईस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2018 तक भारत में करोड़पतियों की संख्या बढ़कर 3.02 लाख के स्तर पर पहुंच जाएगी फिलहाल देश में कुल मिलाकर 1.82 लाख व्यक्ति ऐसे हैं जिनकी गिनती मिलिनॉयर्स में होती है भारत में 1,760 अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स हैं, जिनके...
More »जरूरत रोजगार के अवसर बढ़ाने की- नयन चंदा
अपने देश के 80 करोड़ गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा मुहैया करवाने की शुरुआत भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस प्रकार की सामाजिक सुरक्षा वाली लोक कल्याणकारी योजना शुरू करना नैतिक रूप से सराहनीय है, लेकिन आर्थिक नजरिए से यह समस्या पैदा करने वाली भी है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के लिए शुरू की गई ऐसी योजना को निरंतर बनाए रखने और उसके लिए पैसा जुटाने के लिए ...
More »ओईसीडी ने कहा, 2014-18 के दौरान देश की सालाना विकास दर औसतन 5.9 फीसदी ही रहेगी ओईसीडी की रिपोर्ट भारतीय अ?
ओईसीडी ने कहा, 2014-18 के दौरान देश की सालाना विकास दर औसतन 5.9 फीसदी ही रहेगी ओईसीडी की रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था चालू खाता घाटा समेत अनेक समस्याओं से त्रस्त वहीं, उभरते एशिया में आर्थिक विकास की रफ्तार आगे भी रहेगी दमदार घरेलू मांग मे लगातार बढ़ोतरी की बदौलत ही तेज विकास हो पाएगा संभव बेहतरी कहां एमर्जिंग एशिया की सालाना विकास दर इस दौरान औसतन 6.9' रहने...
More »दुनिया ने ठुकराया, सुलभ ने अपनाया
कोलकाता: हर इंसान की यह इच्छा होती है कि उसके जीवन के आखिरी क्षण अपनों के साथ अपनी धरती पर बीते, पर पश्चिम बंगाल की ऐसी सैकड़ों महिलाएं हैं, जो अपनी आखिरी सांस वृंदावन में लेना चाहती हैं. समाज व धर्म की रुढ़ीवादी मान्यताओं की मारी सैकड़ों विधवाएं वर्षो से वृंदावन की खाक छान रही हैं. ऐसे में सुलभ होप फाउंडेशन ने इन्हें गले लगाया है. इस संस्था ने इन दुखियारी...
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