राज्य सरकार के दो मंत्रियों गृह क्षेत्र के अस्पतालों की हालत खस्ता है. यहां चिकित्सक, कर्मचारी व संसाधनों का घोर अभाव है. सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सकों की कमी है. मरीजों को आवश्यक दवा भी बाजार से खरीदनी पड़ती है. भवनों की हालत पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण बनी हुई है. बेड का भी अभाव है. सफाई व्यवस्था की हालत भी दयनीय है. चिकित्साकर्मियों को आवास की भी सुविधा नहीं है. ।।ठाकुर संग्राम...
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हरियाणा में भी बने एससी कमीशन
गुडग़ांव। हरियाणा में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ आपराधिक वारदातें तेजी से बढ़ी हैं। सोमवार को गुडग़ांव पहुंचे नेशनल कमीशन फॉर एससी के वाइस चेयरमैन डॉ. राज कुमार वर्का ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोग बुरी स्थिति में रह रहे हैं। इस समय अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अपराध के...
More »सूचना अधिकार में सेंध- गौरव कुमार
जनसत्ता 1 नवंबर, 2012: पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त, लोकहित केंद्रित कल्याणकारी प्रशासन के वादों के साथ बारह अक्तूबर 2005 को यूपीए सरकार ने सूचना का अधिकार कानून लागू किया। देश में अपनी तरह का यह पहला कानून था, जिसने लोगों के हाथ में सूचना पाने का अधिकार दिया। इसके पहले 1923 का जो कार्यालय गोपनीयता कानून था वह ब्रिटिश-हितों के लिए बनाया गया था, जिसके अंतर्गत यह प्रावधान था कि जनता को सरकारी...
More »दूसरे प्रदेशों को भा रही नालंदा की फूलगोभी
नालंदा की फूलगोभी दूसरे प्रदेशों के लोगों को खूब भा रही है. नालंदा से रोज 60 ट्रक फूलगोभी झारखंड, ओड़िशा, कोलकाता व दिल्ली भेजी जा रही है. केवल बाजार समिति, बिहारशरीफ से पांच-सात ट्रक फूलगोभी रोज भेजी रही है. खास कर यहां की जैविक फूलगोभी की मांग अन्य प्रदेशों में काफी है. जैविक ग्राम सोहडीह से सात ट्रक जैविक फूलगोभी इन प्रदेशों में विशेष मांग पर भेजी जा रही...
More »आंदोलन से आगे- एन के सिंह
जनसत्ता 29 अक्टुबर, 2012: यह मानना गलत होगा कि अरविंद केजरीवाल ने बिजली के सरकार द्वारा काटे गए कनेक्शन फिर से जोड़ कर जनता को कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बरगलाया है। दरअसल, यह हमला उस मर्मस्थल पर है जिसे हम शासन करने की वैधानिकता कहते हैं। यह आघात एक सड़ी हुई व्यवस्था पर है जिस पर से जनता का विश्वास लगभग उठ चुका है। गांधी ने भी यही किया था। सविनय-अवज्ञा...
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