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मिड दे मील में विषाक्त भोजन खाकर 19 बच्चे बीमार

बिहार के बांका में मंगलवार को विषाक्त भोजन खाने से एक स्कूल के 19 बच्चे बीमार पड़ गये. बांका जिले में अमरपुर थाना अंतर्गत विशंभर चक गांव में विषाक्त भोजन खाने के कारण सरकारी प्राथमिक विद्यालय के 19 बच्चे बीमार पड़ गये. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विशंभर चक गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय में दोपहर का भोजन (एमडीएम) खाने के बाद उल्टी और दस्त की शिकायत होने पर बच्चों...

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आरटीई बोझ को छात्रों पर नहीं लादा जाएगा : सिब्बल

नई दिल्ली : शिक्षा के अधिकार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के साथ ही सरकार ने आज इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि इसे लागू करने के लिए निजी स्कूलों को जो बोझ उठाना पडेगा उसे छात्रों पर डाल दिया जाएगा. आरटीई अधिनियम के तहत स्कूलों को आर्थिक रुप से पिछडे 25 प्रतिशत तक के छह वर्ष से 14 वर्ष तक की उम्र के छात्रों...

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पब्लिक स्कूलों की बढ़ी फीस से अभिभावकों ने किया इनकार

नई दिल्ली. पब्लिक स्कूलों में दो अप्रैल से शुरू सत्र 2012-13 के लिए 10 से 40 फीसदी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अब ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन ने विरोध का ऐलान कर दिया है। संगठन ने इसको अनुचित मानते हुए सर्वसम्मति से फैसला किया है कि अभिभावक बढ़ी फीस नहीं, पुरानी फीस ही जमा कराएंगे। संगठन की दिल्ली इकाई का कहना है कि जिस तरह से बीते साल बढ़ी फीस वसूली गई थी उसे देखते...

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तरसती रही जनता, सड़कों पर बहा दी दूध की नदी

इंदौर। केंद्रीय खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम के विरोध में घोषित तीन दिन के बंद के पहले दिन इंदौर सहित मालवा-निमाड़ में आम जनता दूध को तरस गई, जबकि व्यापारियों ने हजारों लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया।   प्रशासन व पुलिस की सख्ती का दावा बेअसर नजर आया। किराना व अन्य खाद्य पदार्थो के लिए भी लोग परेशान होते रहे। चाय-नाश्ता तक नहीं मिला। कई स्थानों पर छिटपुट घटनाएं भी हुई।   इंदौर में सांची...

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प्रदेश में 4.91 लाख परिवारों के पास नहीं है अपना घर

भोपाल। प्रदेश में 14.91 लाख परिवार ऐसे हैं जिसके पास अपना घर नहीं है। वे किराए के मकान में रह रहे है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश में बड़े पैमाने पर कालोनियां विकसित हुई। सरकारी एजेंसियां हाउसिंग बोर्ड व विकास प्राधिकरण भी लोगों को आशियाना उपलब्ध कराने मैदान में हैं। बावजूद इसके पिछले दस सालों में नए मकानों का आंकड़ा पचास लाख से अभी बहुत दूर है। संयुक्त परिवारों...

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