जब कोई युवा पढ़ाई- लिखाई करके शहरों की ओर भागने की बजाय अपनी शिक्षा और नई सोच का उपयोग अपने गाँव, ज़मीन, अपने खेतों में करने लगे तो बदलाव की एक नई कहानी लिखने लगता है, ऐसे युवा यदि सरकार और संस्थाओं से सहयोग पा जाएं तो निश्चित ही क्रान्तिकारी परिवर्तन ला देते हैं। ऐसी ही एक कहानी है ‘जब शौच से उपजे सोना’ की और कहानी के नायक हैं युवा किसान श्याम मोहन त्यागी...... आर के...
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पंजाब में एक व्यक्ति पी रहा 11.45 बोतल शराब
संगरूर . शराब सेहत के लिए हानिकारक है, भले ही इसका कितना भी प्रचार किया जा रहा हो, परन्तु राज्य के लोग शराब पीने में नंबर- 1 बनते जा रहे हैं। सूचना अधिकार एक्ट के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 2008 —09 में राज्य में इतनी शराब बेची गई, जिसका राज्य में एक व्यक्ति के हिस्से में 11.45 बोतल आ रही हैं। पीपल फॉर ट्रांसपेसी के प्रतिनिधि कमल...
More »नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच
सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था। कुल 1 हजार की तादाद में पगड़ियां थीं और उनका रंग मटमैलेपन के बीच पूरी शान...
More »महिलाओं पर बढता हिंसाचार-यूएन रिपोर्
यह बात जानी पहचानी है कि महिलाओं पर हिंसा के मामले में भारत का रिकार्ड खासा खराब है मगर चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाओं के साथ हिंसाचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यूनाइडेट नेशन्स डेवलपमेंट फंड फॉर विमेन(यूनिफेम) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2007 में पिछले साल के मुकाबले में महिलाओं पर हिंसाचार की घटनाओं में 12 फीसदी की बढोतरी हुई।रिपोर्ट में इस दर्दनाक तथ्य की तरफ भी...
More »असफल रहा रोम का खाद्य-सुरक्षा सम्मेलन
रोम(इटली) में 16 नवंबर से खाद्य सुरक्षा के मामले पर जिस तीन दिनी विश्व सम्मेलन का आयोजन हुआ उसके समापन की घड़ी आई तो सम्मेलन के भागीदारों में घोषणाओं को लेकर आपस में ही सहमति नहीं थी।सम्मेलन के अंत में जो एलान किए गए उससे असंतुष्ट लोगों में जैक्स डिओफ का भी नाम शामिल हैं और डिओफ का एलानों से असंतुष्ट होना मायने रखता है क्योंकि वे खुद यूएन के...
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