कुही. तहसील की राजोला गुट ग्राम पंचायत का आगरगांव सौ प्रतिशत आदिवासी गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। इस गांव में प्राथमिक शाला के लिए स्वतंत्र इमारत नहीं होने से बच्चों को गाय के गोठे में बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। यह गांव मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह वंचित हैं। इसका खामियाजा भुगतने के बाद भी आदिवासी चुपचाप हैं। इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। यहां...
More »SEARCH RESULT
इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
More »आज नकद कल रियायत- शिरीष खरे की रिपोर्ट( तहलका हिन्दी)
राजस्थान में अलवर जिले के कोटकासिम ब्लॉक का यह ओजली गांव है. यहां ग्राम सेवा सहकारी समिति की उचित मूल्य की दुकान पर तीन महीने पहले तक केरोसिन के लिए उपभोक्ताओं की भीड़ जमा हो जाती थी. पर अब उसी केरोसिन के नाम पर चारों ओर सन्नाटा पसर जाता है. दुकान के कर्मचारी महावीर यादव के मुताबिक इस सन्नाटे की वजह यह है कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर केरोसिन...
More »ममता के बाद अब बादल ने भी उठाया कर्ज राहत मुद्दा
चंडीगढ़. कर्ज जाल में फंसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल ने भी कर्ज में राहत की मांग उठा दी है। बादल ने पंजाब की स्थिति और उसकी देश को देन का जिक्र कर प्रधानमंत्री के सामने अपना पक्ष रखा है। 12वें वित्तीय आयोग की सिफारिशों के बाद पंजाब, पश्चिमी बंगाल और केरल को कर्ज के दबाव से निकालने के लिए केंद्र...
More »मिलावट बढ़ी, मुनाफाखोरी भी
देहरादून। जो दूध आप तक 36 से लेकर 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच रहा है। उसके लिए दूध उत्पादकों को केवल 22-23 रुपए हासिल हो रहे हैं। सस्ता दूध चाहने की इच्छा रखने वालों के लिए खुले दूध का विकल्प है, लेकिन इसका सेवन खतरे से खाली नहीं। यूरिया, स्टार्च, सिंघाड़े का आटा मिला यह दूध कभी भी मुसीबत बन सकता है। अकेले दून में दो करोड़ से ज्यादा...
More »