आज भारत में लगभग सभी आर्थिक गतिविधियों में अवैध तरीके अपनाये जाते हैं. यह स्थायी और संस्थागत रूप ले चुका है. वर्तमान दशक को घोटालों का दशक कहा जा सकता है. जिन लोगों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्होंने बेशर्मी से मामले को अंतिम समय तक दबाने की कोशिश की. चाहे मामला 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन का हो या फ़िर कॉमनवेल्थ घोटाले का. यही वजह है कि सत्ताधारी पार्टियां...
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राजशक्ति बनाम बाबाशक्ति- योगेन्द्र यादव
बेताल ने विक्रमादित्य से पूछा,‘कल तक जो सरकार बाबा रामदेव के सामने बिछी जा रही थी, वही अचानक दल-बल सहित उनके आंदोलन पर चढ़ क्यों बैठी? अगर बाबा लोकशक्ति के प्रतीक हैं तो सरकार की हिम्मत कैसे हुई कि उनके अनशन को तोड़े? अगर बाबा झूठे हैं, तो सरकार उनसे इतनी डरी क्यों थी?’ इक्कीसवीं सदी के बेताल और विक्रमादित्य किसी पेड़ नहीं बल्कि एक बड़ी टीवी स्क्रीन के नीचे...
More »मायावती का 'किसान कार्ड', महापंचायत में मिलेंगी किसानों से
लखनऊ। भट्टा भरसौल की घटना के बाद गर्मायी उत्तर प्रदेश की किसान राजनीति के खतरे को मख्यमंत्री मायावती ने भांप लिया है। भूमि अधिग्रहण पर किसानों के आक्रोश को ठंडा करने के लिए मु यमंत्री मायावती ने किसानों से सीधे बातचीत का फैसला किया है। चार साल के शासन में यह पहला मौका है जब मायावती ने किसी भी प्रतिनिधि मंडल को बातचीत के लिए बुलाया है।राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि...
More »रामदेव के अह्वान से सरकार बेचैन, बना रही रणनीति
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रात को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बैठक की. उन्होंने इससे पहले योगगुरु बाबा रामदेव को आगामी चार जून से आमरण अनशन करने के अपने आह्वान को वापस लेने के लिए मनाने का प्रयास किया था. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने रामदेव के साथ हुई अपनी बातचीत के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी....
More »बाबा के आंदोलन के मुद्दे- वेदप्रताप वैदिक
भ्रष्टाचार के विरुद्ध बाबा रामदेव जो मोर्चा लगा रहे हैं, वह एक बेमिसाल घटना होगी। यदि दिल्ली में एक लाख और देश में एक करोड़ से भी ज्यादा लोग अनशन पर बैठेंगे तो इसके मुकाबले की घटना हम कहां ढूंढेंगे? यह सबसे बड़ा अहिंसक सत्याग्रह होगा। इसका उद्देश्य जनता व शासन दोनों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध कटिबद्ध करना है। यदि आंदोलन सिर्फ सरकार के विरुद्ध होता तो उसे शुद्ध राजनीति माना जाता, लेकिन...
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