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बेमानी होंगी अधिक उम्मीदें-- टीएम थॉमस आईजैक

बीते 23 सितंबर को प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की शुरुआत की गयी, जिसे कई लोगों ने विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बताया है. पिछली बीमा योजनाओं से प्राप्त अनुभवों एवं इस योजना को लेकर उपजे भ्रमों की वजह से अभी इससे ज्यादा उम्मीदें करना गैरजरूरी है. यह योजना इस सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में लागू की गयी है, जब...

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तेजी से घटी है गरीबी मगर भारत में गरीबों की तादाद अब भी सबसे ज्यादा- एमपीआई रिपोर्ट

एक दशक के भीतर भारत में गरीबों की संख्या घटकर आधी रह गई है लेकिन अब भी दुनिया के गरीब लोगों की सबसे बड़ी तादाद भारत में मौजूद है. ये निष्कर्ष है हाल ही में जारी साल 2018 के ग्लोबल मल्टीडायमेंशनल पावर्टी इंडेक्स(एमपीआई) रिपोर्ट का.   रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2005/6 से 2015/16 के बीच भारत में गरीबी की दर 55 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गई है. एक दशक...

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मनरेगा: चार सालों में रोजगार देने में त्रिपुरा सबसे अव्वल, यूपी-बिहार बहुत पीछे

यूपी-बिहार और पंजाब-हरियाणा जैसे कई राज्यों को मनरेगा के कारगर क्रियान्वयन के मामले में त्रिपुरा से सबक लेने की जरुरत है. त्रिपुरा में बीते चार सालों (2014-15 से 2017-18) में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण मजदूरों को औसतन लगभग 75 दिनों का रोजगार मिला जबकि इस अवधि में योजना के अंतर्गत रोजगार का अखिल भारतीय औसत महज 45.2 दिनों का रहा.   रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट के नये आंकड़े संकेत करते...

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अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एकीकरण होगा शुरू, संख्या घटकर रह जायेगी 36

नयी दिल्ली : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के एकीकरण की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रही है. सरकार का इरादा आरआरबी की संख्या को मौजूदा 56 से घटाकर 36 करने का है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बारे में केंद्र ने राज्यों के साथ विचार विमर्श शुरू कर दिया है क्योंकि देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के...

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खुले में शौच मुक्त घोषित होने के बावजूद गुजरात में लाखों शौचालयों की ज़रूरत: आरटीआई

अहमदाबाद: कुछ महीनों पहले गुजरात को ‘खुले में शौच से मुक्त' (ओडीएफ) राज्य घोषित किया गया था. हालांकि एक आरटीआई के जरिए ये खुलासा हुआ है कि गुजरात के ग्रामीण घरों में अभी लाखों शौचालयों की आवश्यकता है.   आरटीआई कार्यकर्ता हितेश चावडा द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में जिला प्रशासन ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण' योजना के तहत दाहोद में इस साल मई-जून तक 1.40 लाख परिवारों को शौचालय नहीं...

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