बिलासपुर.हाईकोर्ट ने डॉ. बिनायक सेन और पीजूष गुहा की जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस टीपी शर्मा और आरएल झंवर की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को दिए अपने 20 पन्नों के फैसले में दोनों को नक्सली गतिविधियों में संलिप्त मानते हुए जमानत देना से मना कर दिया। याचिकाकर्ता डॉ. सेन और पीजूष की ओर से 24 और 25 जनवरी को बहस पूरी होने के बाद बुधवार को शासन की ओर से तर्क...
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बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »ढाई घंटे तक बहस करते रहे जेठमलानी, आज भी सुनवाई
बिलासपुर.नक्सली नेता बिनायक सेन व पीजूष गुहा के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी ने हाईकोर्ट में पैरवी की। सवा दो घंटे तक चली बहस के दौरान उन्होंने कहा कि डा. सेन व पीजूष पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 121 ए (सरकार के खिलाफ युद्ध या राजद्रोह) कहीं से भी सिद्ध नहीं होता। उन्हें सिर्फ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) से संबंध रखने के कारण या...
More »बिनायक बने या बना दिए गए खलनायक!
रायपुर.जेल में बंद माओवादी नेता नारायण सान्याल से उनके इलाज को लेकर डॉ. बिनायक सेन की मुलाकात को उनका कसूर बना दिया गया। डॉ. सेन ने ये मुलाकातें सिर्फ एक डॉक्टर के बतौर ही नहीं, बल्कि सक्रिय मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी की थीं। इसे छत्तीसगढ़ प्रशासन ने देशद्रोह बनाकर पेश किया। सबूतों पर एक नजर > डॉ. सेन ने 17 महीनों के दौरान सान्याल से 33 मुलाकातें कीं। इसके लिए जेल...
More »बढ़ रहा है जनता में जनाक्रोश
नई दिल्ली [उमेश चतुर्वेदी]। महंगाई की आग के खिलाफ पाच जुलाई के भारत बंद पर कारपोरेट तरीके से मूल्याकन के जरिए भले ही लाख सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन यह सच है कि इस बंद ने महंगाई की आग से झुलस रहे अधिसंख्य भारतीयों के गुस्से और क्षोभ को ही अभिव्यक्ति दी है। इस क्षोभ और गुस्से का महत्व इसलिए कम नहीं हो जाता कि इससे तेरह हजार या बीस...
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