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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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आंकड़ों में मामूली नीचे आई खाद्य महंगाई

नई दिल्ली। खाद्यान्नों के दाम घटने से खाद्य महंगाई में नाममात्र की नरमी आई है। खाद्य उत्पादों के थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की यह दर 15 मई को समाप्त सप्ताह में 0.26 फीसदी घटकर 16.23 फीसदी हो गई। हालांकि महंगे फल व सब्जियों की वजह से अभी भी यह 16 फीसदी से नीचे नहीं उतर रही है। इससे पूर्व सप्ताह में खाद्य महंगाई की दर 16.49 फीसदी पर थी। रबी की फसलों के...

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गरीबों को खाद्यान्न टिकट दिया जाए

नई दिल्ली। औद्योगिक संगठन फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज [फिक्की] ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि सरकार को गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए सस्ते खाद्यान्न की बजाय सीधे खाद्यान्न टिकट जारी करना चाहिए। फिक्की ने कहा है कि जन वितरण प्रणाली [पीडीएस] के तहत गरीब परिवारों को सब्सिडी युक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने की वर्तमान व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इसमे कई स्तरों पर खामियां...

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खाद्य महंगाई बढ़कर 16.44 प्रतिशत हुई

नई दिल्ली। देश की वार्षिक खाद्य महंगाई दर गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार एक मई को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़कर 16.44 प्रतिशत रही। इससे पिछले सप्ताह में खाद्य महंगाई की दर 16.04 प्रतिशत थी। खाद्य महंगाई की दर 17 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में 16.61 प्रतिशत और 10 अप्रैल को समाप्त हुए हफ्ते में 17.65 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी थोक मूल्य सूचकांक [डब्ल्यूपीआई] के आंकड़ों के...

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हमारा बीपीएल और उनका आईपीएल- देविंदर शर्मा

2009 में जब विश्व आर्थिक मंदी की आग में जल रहा था और इसकी तपिश भारत में भी महसूस की जा रही थी, तब भारत ने तीन किस्तों में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था. हम सरकारी अनुदान हड़पने में किसानों और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को दोषी ठहराते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उद्योग और व्यवसाय जगत इनसे कई...

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