डीसी परमजीत सिंह की हिदायतों पर बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए बुधवार को लेबर इंस्पेक्टर के नेतृत्व म ंगिद्दड़बाहा शहर के होटल, ढाबों व रेस्टोरेट, घरों व चाय की दुकानों पर छापेमारी की गई। विभिन्न स्थानों से तीन बाल मजदूरों को छुड़ाकर उनके परिजनों को सौंपा गया। लेबर इंस्पेक्टर केवल कृष्ण ने बताया कि शहर के बस स्टैड, प्योरी रोड, मेन बाजार आदि क्षेत्रों मे छापामारी में तीन बाल...
More »SEARCH RESULT
20 हजार की चादर पर सोते हैं रमन सिंह, टॉयलेट पर खर्चे 5 लाख रुपये
रायपुर. देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शुमार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का निजी खर्च सुनकर हो सकता है कि आपके होश उड़ जाएं क्योंकि जिस देश में 32 रुपये से अधिक खर्च करने वाले व्यक्ति को गरीब नहीं माना जाता है, उसी देश के एक सबसे पिछड़े राज्य के मुख्यमंत्री का मामूली चीजों पर खर्च हजारों, लाखों में है। सूचना के अधिकार कानून तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार, शाहखर्च मुख्यमंत्री रमन...
More »आखिर गरीबी के मायने क्या?- हर्षमंदर
पिछले साल के अंतिम दिनों की बात है। दो युवकों ने तय किया कि वे अपने जीवन का एक माह उतने पैसों में बिताएंगे, जो एक औसत गरीब भारतीय की मासिक आय है। उनमें से एक युवक हरियाणा के एक पुलिस अधिकारी का बेटा है। उसने पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है और अमेरिका और सिंगापुर में बैंकर के रूप में काम कर चुका है। दूसरा युवक अपने माता-पिता के साथ...
More »मनरेगा के काम में मजदूरों की मौत
पानीपत. यमुनानगर/छछरौली .जहां से श्रमिक मिट्टी उठा रहे थे। वहां पर 30 फुट से अधिक ऊंचाई का मिट्टी के टीले हैं। जो रेतीले हैं। कार्य कई दिनों से चल रहा था। हर रोज जेसीबी से टीले को गिराए जाते थे, मगर गुरुवार को ऐसा नहीं किया गया। मृतकों के परिजनों का कहना है कि इसी कारण से हादसा हुआ है। मशीन होती तो दबने वालों को जल्द से बाहर निकाला जा...
More »इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
More »