भुवनेश्वर। राज्य में भूतल जल को सदुपयोग करने के लिए 10 हजार हेक्टर जमीन में जल सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 5 हजार एलआई प्वाइंट लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में आज संपृक्त निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च करेगी। जल सिंचाई सुविधा न होने वाले क्षेत्रों में संपृक्त नलकूप खुदाई के लिए अग्राधिकार दिया जाएगा।...
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खेतों के लिए चाहिए 270 सरकारी नलकूप
रुड़की (हरिद्वार)। खेतों की प्यास बुझाने के लिए हरिद्वार जनपद को अभी 270 और सरकारी नलकूप चाहिए। इन नलकूपों का प्रस्ताव नलकूप खंड सिंचाई विभाग से शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन पहले चरण में भगवानपुर ब्लाक क्षेत्र में 58 नलकूपों के निर्माण को ही हरी झंडी मिलने के आसार हैं। हरिद्वार जनपद में करीब 38 हजार हेक्टेयर भूमि असिंचित है। हालांकि इस असिंचित क्षेत्र को सींचने के लिए सिंचाई विभाग के पास...
More »धान का बीज महंगा होने से किसानों की परेशानी बढ़ी
कोलकाता। धान का बीज महंगा होने से राज्य में किसानों की परेशानियां बढ़ गयी हैं। आमन धान की खेती का सीजन करीब है। ऐसे वक्त में उच्च किस्म के धान के बीज की कीमत बढ़ने से किसान चिंतित है। राज्य में मुख्यतया जिला बीज निगम, राज्य बीज निगम आदि धान बीज की आपूर्ति करते हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष उन्नत किस्म के धान बीज का दाम ज्यादा है। किसानों का कहना है...
More »तरीका बदल बचाया 90 अरब लीटर पानी
सीकर. जिले के एक लाख किसानों ने जल संकट के दर्द को समझते हुए अपने सिंचाई के तरीके को बदल लिया है। इससे एक महीने में करीब 90 अरब लीटर पानी की बचत हो रही है। सिंचाई का तरीका बदलने के लिए आगे आ रहे किसानों को कृषि विभाग अनुदान भी दे रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, जिलेभर में करीब ढाई लाख किसान हैं। इनमें से करीब एक लाख किसान फसलों की फव्वारा, बूंद-बूंद...
More »पानी का पैसा पानी में
भोपाल. प्रदेश सरकार ने जलसंकट से निपटने के लिए बीते एक दशक में कई योजनाएं चलाईं, खूब ढिंढोरा भी पीटा.. अरबों रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन नतीजा शून्य। जलसंकट कम होने के बजाय दिनोदिन गहराता जा रहा है। पानी पाताल में पहुंच चुका है। ये हालात एक-दो जिलों के नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के हैं। दूसरी ओर विभागीय मंत्री ये मानने को तैयार नहीं कि योजनाएं फ्लाप हो गईं।...
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